Rajnandgaon: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव कलेक्टर संजय अग्रवाल सोमवार को अव्यवस्था के शिकार हो गए। डोंगरगढ़ में रोप-वे से मां बम्लेश्वरी के मंदिर जाने के दौरान अचानक लाइट चली गई। इसके चलते रोप-वे की ट्रॉली करीब 200-250 फीट ऊपर हवा में अटक गया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक, चैत्र नवरात्रि की तैयारियों को लेकर कलेक्टर संजय अग्रवाल अफसरों की बैठक लेने के लिए मंदिर के छीरपानी हॉल में पहुंचे थे। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे मंदिर का निरीक्षण करने रोप-वे से निकले। इस दौरान उनके साथ 6 ट्रॉली में करीब 20 प्रशासनिक अफसर मौजूद थे।
चैत्र नवरात्रि की तैयारियों को लेने पहुंचे थे कलेक्टर संजय अग्रवाल।
जनरेटर ऑन कर ट्रॉली ऊपर भेजी गई
सभी अफसर मंदिर के आधे रास्ते पहुंचे थे कि अचानक से लाइट काट दी गई। इसके चलते रोप-वे बीच में ही रुक गया। करीब 10-15 मिनट तक रोप-वे की ट्रॉली हवा में लटकी रही। इसके बाद इमरजेंसी अलार्म बजा तब जाकर कर्मचारी एक्टिव हुए और जनरेटर ऑन कर ट्रॉली को ऊपर प्लेटफार्म तक पहुंचाया।
आधे रास्ते में फंसे कलेक्टर संजय अग्रवाल।
मीटिंग में अफसरों ने कहा था- निर्बाध रहेगी आपूर्ति
खास बात यह है कि इस घटना के कुछ देर पहले ही कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सभी विभागों की बैठक ली थी। तब विद्युत विभाग के अफसरों ने सुचारू और निर्बाध बिजली आपूर्ति का दावा किया था। हालांकि बैठक खत्म होने के कुछ समय बाद ही इस दावे की हवा निकल गई और कलेक्टर खुद फंस गए।
मेंटेनेंस के लिए 8 दिनों तक बंद था रोप-वे
बताया जा रहा है कि मेंटेनेंस कार्य के चलते इससे पहले 19 मार्च से 26 मार्च तक रोप-वे को 8 दिन बंद रखा गया था। इस दौरान मंदिर जाने वाले दर्शनार्थी सीढ़ी चढ़कर ऊपर गए थे। 9 अप्रैल से नवरात्रि शुरू हो रही है। इसमें श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी और रोप-वे पर दबाव भी।
8 दिन से बंद था रोप-वे।
इसे देखते हुए मंदिर समिति की ओर से रोप-वे संचालन करने वाली कंपनी को मेंटेनेंस के लिए लंबा समय दिया जाता है। ताकि तकनीकी खामियों को दूर किया जा सके। नवरात्रि पर ट्रॉलियों की संख्या भी बढ़ाई जाती है। ऐसे में मेंटेनेंस कर NOC लेना अनिवार्य होता है।
सुरक्षा कारणों के लिए किया जा चुका है मॉक-ड्रिल
इमरजेंसी के दौरान किस तरह से स्थिति को संभाला जाएगा, इसे लेकर मार्च माह में ही मॉक-ड्रिल भी किया गया था। NDRF, SDRF, जिला सेनानी, अग्निशमन विभाग और दामोदर रोप-वे की टेक्निकल टीम इसमें थी। मॉक-ड्रिल में NDRF के 39, SDRF के 11, फायर ब्रिगेड के 10, स्वास्थ्य विभाग के 6 कर्मचारियों सहित पुलिस और रोप-वे के कर्मचारी शामिल थे।
मार्च माह में ही मॉक-ड्रिल भी किया गया था।
ट्रस्टी बोले- सामान्य घटना है
डोंगरगढ़ मंदिर समिति के ट्रस्टी हनी गुप्ता ने कहा कि बिजली के जाने से कुछ देर रोप-वे बंद होना स्वाभाविक है। इस के लिए जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था रहती है। जनरेटर तुरंत ऑन कर कलेक्टर और अधिकारियों को सकुशल मंदिर पहुंचा दिया गया। उन्होंने कहा कि नवरात्र उत्सव की तैयारियां चल रही है। लाइनों में मेंटेनेंस कार्य किया जा रहा है, इसलिए बिजली कट की जाती है। ये एकदम सामान्य घटना है।
(Bureau Chief, Korba)