रायपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन राजनांदगांव में आयोजित ‘भरोसे का सम्मेलन’ में केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने छत्तीसगढ़ में लगातार पड़ रहे छापे पर कहा कि ईडी-आईटी लोकतंत्र का नाश कर रही है। भाजपा भारत के टुकड़े करने में लगी है।
खड़गे ने केंद्र पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की कार्रवाई के बाद भी हम मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता का धन्यवाद भी किया। खड़गे बोले- इन्ही की बदौलत में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना।
सीएम भूपेश, और डिप्टी सीएम ने सभा को संबोधित कर भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
इससे पहले सीएम ने भूपेश ने रमन सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रमन की विधायकी वाला राजनांदगांव सबसे पिछड़े जिलों में आता था। चिटफंड कंपनी के नाम पर यहां के लोगों को सिर्फ ठगने का काम किया गया। लेकिन हमारी कांग्रेस सरकार ने लोगों को उनका पैसा वापस दिलवाया। सोमनी के ठेकवा गांव में आयोजित सभा में लोगों की भारी भीड़ मौजूद है।
गज माला से खड़गे का स्वागत किया गया, मंच पर सैलजा, भूपेश बघेल के साथ तमाम नेता मौजूद हैं।
खड़गे के मंच पर आते ही सैलजा, सीएम भूपेश और अन्य नेताओं ने गज माला पहनाकर उनका स्वागत किया। कांग्रेस नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश में चलाई जा रही सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी।
नेताओं ने क्या कहा
प्रदेश के 110 जिलों में से सबसे पिछड़े जिलों में एक था राजनांदगांव। यहां सिर्फ चिटफंड कंपनी के नाम पर लूटने का काम चल रहा था। भूपेश बघेल
प्रदेश की जनता का कांग्रेस सरकार पर पूरा भरोसा है, हम फिर से सरकार बनाएंगे। टीएस सिंह देव, डिप्टी सीएम
छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए प्रदेश सरकार ने काफी काम किया है। कांग्रेस में फिर से सरकार बनाएंगे।- मंत्री अमरजीत भगत
कांग्रेस की सरकार फिर बनती है तो अगले कार्यकाल से 3600 रुपए प्रति क्विंटल में किसानों का धान खरीदेंगे। मंत्री रविंद्र चौबे
सोमनी के ठेकवा गांव में आयोजित खड़गे की सभा में भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी है।
भूपेश बघेल ने ये बातें कही
- राजनांदगांव जिला के रमन सिंह 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे, देश में जो 110 पिछड़े जिले हैं, उसमें एक जिला राजनांदगांव भी है।15 साल में यह पिछड़े जिले में रहा है।
- किसान आत्महत्या कर रहे थे और केवल यहां लूटपाट का ही काम होता था।
- केंद्र सरकार भी लोगों को लूटने कर रही है। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर और रसोई गैस की कीमत ₹400 मनमोहन सरकार में थी उसे ₹800 बढ़ाकर 1200 कर दिया गया और चुनाव के समय केवल ₹200 कम किया गया।
- लूटने का काम रमन सरकार ने किया। रमन सरकार में दवा में मिलावट थी। इसलिए बालोद और राजनांदगांव में आंख फोड़वा कांड हुआ था। दवा में रमन सिंह ने कमीशन खाया था। उसके बाद बिलासपुर में नसबंदी कांड जिसमें बेटियों की मौत हुई, उसमें भी दवाई में कमीशन था।गर्भाशय कांड भी रमन सरकार में हुआ।
- रमन सिंह ने चुनाव से पहले बहुत सारे राशन कार्ड बांटे गए और चुनाव के बाद सारे कार्ड निरस्त कर दिए गए लेकिन अमरजीत भगत जब से खाद्यमंत्री बने सभी के राशन कार्ड बन रहे हैं।
- एक बटन दबाते ही किसानों और पशुपालकों के खाते में गोबर खरीदी का पैसा आ रहा है।
- अगर धोखे से आपने कमल में बटन दबाया तब अडानी को फायदा होगा।
- कैबिनेट में हमने फैसला लिया है कि 7 लाख गरीबों को पक्की छत मिलेगी। इसके लिए हम बटन दबाएंगे और सबके खाते में पैसे आएंगे।
राजनांदगांव की क्या है सियासी पृष्ठभूमि
छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिला प्रदेश की संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है। यहां जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं। राजनांदगांव प्रदेश की हॉट सीटों में से एक है क्योंकि ये सीट छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह की विधायकी वाली है।
साल 2008 से लेकर अब तक पूर्व मुख्यमंत्री ही इस सीट से जीतते आए हैं। रमन सिंह को उनके तीन कार्यकाल यानी 2008, 2013 और 2018 के चुनाव में राजनांदगाव से ही जीत हासिल हुई है। जबकि उनके बेटे अभिषेक सिंह यहां से लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव विधानसभा की सीट से विधायक हैं।
राजनांदगांव में सभा के ये है मायने
जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव और खुज्जी विधानसभा। इन चारों सीटों में केवल 1 राजनांदगांव की सीट ही बीजेपी के पास है बाकी 3 सीटों में कांग्रेस के विधायक काबिज हैं।
इनमें डोंगरगढ़ की सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी का सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। इसलिए डोंगरगढ़ विधानसभा के मतदाताओं में इसका असर होगा। डोंगरगढ़ में इस समय भुवनेश्वर बघेल विधायक हैं, जो कांग्रेस पार्टी से ही है। डोंगरगांव से दलेश्वर साहू और खुज्जी से विधायक छन्नी साहू है।
पिछले चुनाव में यहां रमन सिंह के सामने अटल बिहारी बाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला थीं। जिन्होंने रमन सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री महज 17 हजार वोटों से ही जीत पाए थे।