Tuesday, November 4, 2025

              CG: जानलेवा मांझा.. सड़क पर पतंग उड़ाने से खतरे में पड़ी पांच साल के बच्चे की जान, गले में मांझा फंसने से कटी सांस की नली

              भिलाई: आम सड़क के किनारे खड़े होकर पतंग उड़ाने की आदत के कारण महावीर काॅलोनी दुर्ग निवासी 5 साल के बच्चे की जान खतरे में पड़ गई। पिता विकास जैन के साथ बाजार जाते वक्त, पेंच लड़ा रहे बच्चों की पतंग का मांझा स्कूटी पर पीछे बैठे बच्चे के गले में फंस गया।

              स्कूटी आगे बढ़ने के साथ ही तनाव बढ़ते जाने से उसकी सांस की नली व दिमाग से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली जुगलर वैन कट गई। अच्छा यह रहा कि प्रेशर से खून निकलने से बच्चे के पिता घबराए नहीं, सीधे नेहरू नगर के पल्स हाॅस्पिटल पहुंच गए।

              यहां के एनेस्थेटिक डॉ. निशांत बघेल ने सबसे पहले वेंटिलेटर से बच्चे को सांस देने का इंतजाम किया। आगे डॉ. अपूर्व वर्मा, डॉ. सत्येंद्र ग्यानी, डॉ. शैलेंद्र, डॉ. प्रभाकर की टीम ने सर्जरी कर नली व वेन को जोड़ा।

              मांझे पर होता है शीशे का लेप, हथियार से कम नहीं

              1 चाइनीज मांझे में शीशे की लेप की वजह गहरा कट :

              बाजार में आज-कल चाइनीज मांझा आ रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक उसमें धागों के ऊपर शीशे का लेप होता है। इस मांझे से पेंच लड़ाते वक्त दूसरे की पतंग के कटने की संभावना अधिकतम रहती है। इस हिसाब से अच्छी क्वालिटी के मांझे में ज्यादा शीशा लगा होता है। दूसरे की पतंग काटने की चाहत में बच्चे इसी खतरनाक मांझे को खरीदते हैं।

              2 कट इतना शार्प कि सर्जरी के बाद सूखने में भी देरी :

              मांझा से लगने वाला कट इतना शार्प होता कि सर्जरी के बाद घाव सूखने में भी देरी होती है। इस बनाने में साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं होता, इसलिए इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है। आम रास्ते से आवागमन में हाथ-पैर में फंसने पर व्यक्ति खुद को कट लगने से बचा लेता है, लेकिन गले में फंसने के बाद बचाने की कोई गुंजाइश नहीं रहती।

              इतना शार्प कि पतंग उड़ाते वक्त बच्चे अपनी उंगलियों में टेप लगाते

              पतंग उड़ाने में इस्तेमाल हो रहा चाइनीज मांझा इतना शार्प होता है कि बच्चे पतंग उड़ाते वक्त अपनी उंगलियों में टेप लगाते हैं। टेप न लगाए तो पतंग को ऊंचाई तक पहुंचाने और फिर वापस खींचते समय घिर्री (लटाई) में लपेटन में उंगलियां कट जाती हैं। बाजार में शीशे की लेप के बिना भी मांझे उपलब्ध हैं, लेकिन उससे पतंग आसानी से नहीं कटती है, इसलिए बच्चे चाइनीज मांझे का ज्यादा यूज करते हैं।

              पिता की अपील : संक्रांति पर सड़क किनारे पतंग न उड़ाएं बच्चे

              सड़क किनारे पतंग उड़ाने से अपने बच्चे की जान पर बन आने वाले पिता विकास जैन ने आम जन से अपने बच्चों को सड़क या भीड़ वाली जगह पतंग उड़ाने से मना करने अपील की है। कहा है कि शनिवार को पतंग उड़ाने का ही त्यौहार है। अपनी आदत नहीं बदलने वे चाइनीज मांझे का उपयोग करने से खुद के साथ ही दूसरे के त्यौहार की खुशियां खराब हो सकती है।


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