Thursday, July 3, 2025

CG: 30 जून तक नहीं बजा सकेंगे डीजे और बैंड.. परीक्षाओं के चलते कलेक्टर ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर लगाया प्रतिबंध, आदेश जारी

दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा

दुर्ग: कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने तेज आवाज (ध्वनि प्रदूषण फैलाने) करने वाले यंत्रों को बचाने पर रोक लगा दी है। यह आदेश स्कूलों में आगामी परीक्षाओं को देखते हुए दिया गया है। कलेक्टर के आदेश के मुताबिक 30 जून 2023 तक बिना परमिशन ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाने पर कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टोरेट से मिली जानकारी के मुताबिक ध्वनि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत शालेय, विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं को देखते हुए रात्रि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर दुर्ग ने इस आदेश को जिले में इसे 30 जून 2023 तक लागू किया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग धीमें वैल्यूम में बजाया जाए।

अगर कोई अपने निजी उपयोग के लिए ऐसे यंत्रों का उपयोग करता है तो वो निर्धारित मानक में ही उसे बजाए। यदि वो 5 डीबी (ए) से अधिक प्रदूषण फैलाता है तो वो नियम का उल्लंघन माना जाएगा। यदि कोई लाऊड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर करता है तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डी.बी. (ए) या 75 डीब (ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए।

दुर्ग कलेक्टर द्वारा जारी किया गया आदेश

दुर्ग कलेक्टर द्वारा जारी किया गया आदेश

बिना परमिशन ध्वनि प्रदूषण करने पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि किसी को धार्मिक त्यौहारों, संस्कारों, शादी, उत्सव, चुनाव प्रचार इत्यादि के अवसर पर तेज आवाज वाले उपकरणों का उपयोग करना है तो उसे इसके लिए परमिशन लेनी पड़ेगी। उसे निर्धारित तिथि से पहले एक आवेदन लिखकर एसडीएम दुर्ग को देना होगा। वहां से परमिशन मिलने के बाद ही वह ध्वनि विस्तारक यंत्र बजा सकेगा।
सुबह 6 से रात 10 दी गई है कुछ छूट
कलेक्टर ने ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करने के लिए कुछ छूट दी है। लोग व्यक्तिगत उपयोग के लिए दो छोटे बॉक्स के साथ सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक उसे बजा सकते हैं। बस उसे यह ध्यान रखना होगा कि जिस स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में उसे साउंड बजाना है वहां के लिए सक्षम प्राधिकारी अथवा विभाग (नगर निगम अथवा बीएसपी प्रशासन) से अनापत्ति प्रमाण लेना होगा।


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