रायपुर: शहर में डॉग बाइट की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार शाम कटोरा तालाब के पास डॉक्टर पर कुत्ते ने अचानक हमला कर दिया। छुड़ाने के दौरान डॉक्टर के दूसरे पर भी कुत्ते ने काट लिया जिससे उनके दोनों पैर से खून भी आने लगा। 5 दिन पहले ही आवारा कुत्तों ने ढाई साल की बच्ची पर हमला कर दिया था।
डॉक्टर अरविंद नेरल ने बताया कि, वे रायपुर मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के HOD हैं। वे किसी काम से कटोरा तालाब गए हुए थे इसी दौरान कार से उतरने के बाद नर्सिंग होम के पास अचानक स्ट्रीट डॉग ने उन पर हमला कर दिया। रविवार को भी अवारा कुत्तों ने रामनगर के गुलमोहर पार्क में ढाई साल की बच्ची पर हमला किया था।
कटोरा तालाब के पास डॉक्टर पर कुत्तों ने हमला कर दिया
‘बिना छेड़खानी के किया हमला’
डॉ नेरल ने कहा कि, मेरे ओर से कुत्ते से कोई छेड़खानी नहीं की गई थी। बिना किसी कारण कुत्ते ने अचानक मेरे पैर में काट दिया। डॉग बाइट इतने जोर की थी कि मैंने अपने दूसरे पैर से जब मारकर छुड़ाने की कोशिश की तो कुत्ते ने मेरे दूसरे पैर पर भी काट लिया। मैंने तत्काल इसके लिए इंजेक्शन लगा लिया है।
डॉक्टर अरविंद नेरल ने कहा कि डॉग बाइट काफी स्ट्रॉन्ग थी। मेरे दोनों पैर के घुटनों के नीचे चोट आई है। सामान्य जो कुत्ते होते हैं वह पहले भौंकते हैं और कुछ छेड़छाड़ करने पर काटते हैं। मेरे साथ हुई डॉग बाइट की घटना में कुत्ते ने अचानक हमला कर दिया। घटना के बाद मैंने आधे घण्टे के अंदर ही अपना ट्रिटमैंट कर लिया था।।
कुत्ते के हमले के बाद पैर से खून भी निकलने लगा
नगर निगम को ध्यान देने की जरूरत
डॉ नरेल ने कहा कि शहर में यह बहुत खतरनाक स्थिति है रायपुर नगर निगम को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। डॉग बाइट की घटनाओं को रोकने का काम करना चाहिए। पिछले कुछ दिनों में डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ी है। अस्पताल से भी हमने जानकारी ली तो लगातार डॉग बाइट के केस आ रहे हैं। लगातार हमलावर होते कुत्तों से शहर के लोगों को परेशानी हो रही है इसमें नगर निगम को रोक लगाने का काम करना चाहिए।
नगर निगम का दावा- लगातार हो रही कुत्तों की नसबंदी
डॉग बाइट के मामले को लेकर प्रभारी अपर आयुक्त विनोद पांडे का कहना है कि, शहर में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़कर उनके बधियाकरण का काम लगातार किया जा रहा है। इसके लिए हमारे पास 2 डॉक्टर्स की टीम है। नसबंदी के बाद उन्हें एंटीरैबिज का वैक्सीन लगाया जाता है। एक-दो दिन उनका केयर भी किया जाता है, फिर उन्हें छोड़ा जाता है। हमें जब भी कोई सूचना मिलती है, ऐसी जगह पर हम अपनी टीम भेजते हैं और आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबन्दी की जाती है।
निगम हर साल कर रहा 20 लाख खर्च
शहर में लगातार आवारा कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आ रही है। रोज 20 से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्ते कहीं न कहीं काटकर जख्मी कर रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में कुत्ता काटने का इंजेक्शन लगाने वाले 40 से ज्यादा लोग रोज पहुंचते हैं। इसमें शहर के बाहर के लोग भी शामिल रहते हैं।
नगर निगम और जिला प्रशासन डॉग बाइट की घटनाओं को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। निगम का दावा है कि हर साल 5500 आवारा कुत्तों को बधियाकरण किया जा रहा है ताकि उनकी संख्या न बढ़े। इस पर सालाना 20 लाख खर्च किए जा रहे हैं। फिर भी इनकी संख्या कम नहीं हो रही है।
रविवार को ढाई साल की बच्ची पर कुत्तों ने हमला किया था।
बाल-बाल बची थी बच्ची की जान
रविवार को जब गुलमोहर पार्क में ढाई साल की बच्ची घर के बाहर खेल रही थी तभी अचानक कुत्तों का झुंड वहां पहुंच गया और उस पर हमला कर दिया। बच्ची को घसीटते हुए कुत्ते ले गए और नोंचने लगे। शोर मचाने के बाद परिजन और आसपास के लोगों ने कुत्तों को खदेड़ा तब जाकर बच्ची को बचाया जा सका।