सरगुजा: जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का उत्पात जारी है। 11 हाथियों के दल ने केदमा रोड पर ललमटिया घाट के पास ईंट लोडेड मिनी ट्रक के सवारों पर हमला करने की कोशिश की। इस दौरान ड्राइवर और मजदूर वहां से भाग निकले।
इधर हाथियों ने वाहन के दरवाजे को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर बोनट को भी नुकसान पहुंचाया है। गौरतलब है कि क्षेत्र में विचरण कर रहा हाथियों का दल सप्ताहभर से किसानों की धान की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। अब तक हाथी 60 से अधिक किसानों की लगभग 7 हेक्टेयर फसलों को रौंदने के अलावा 3 घरों को भी क्षतिग्रस्त कर चुके हैं।
सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का उत्पात जारी है।
जानकारी के मुताबिक, मिनी ट्रक का ड्राइवर शुक्रवार को उदयपुर से ईंट लोड कर उसे मजदूरों के साथ ग्राम मानपुर स्थित पंचायत भवन में पहुंचाने जा रहा था। ट्रक केदमा रोड पर ललमटिया घाट के पास पहुंचा ही था कि ड्राइवर की नजर सड़क पार कर रहे हाथियों के दल पर पड़ी। इसके बाद उसने करीब 50 मीटर पहले ही वाहन को खड़ा कर दिया। यह देख हाथी वाहन की ओर बढ़ने लगे।
11 हाथियों के दल ने केदमा रोड पर ललमटिया घाट के पास ईंट लोडेड मिनी ट्रक के सवारों पर हमला करने की कोशिश की।
इस बीच चालक खुद वाहन से उतर गया और मजदूरों को भी भागने के लिए कहा। जब तक हाथी गाड़ी तक पहुंचे, सभी वहां से जान बचाकर भाग चुके थे। इसी बीच हाथियों ने वाहन पर हमला कर गेट को तोड़ते हुए बोनट को भी नुकसान पहुंचाया। सूचना मिलते ही DFO टी शेखर के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने घटना की जानकारी ली। वाहन मालिक को मुआवजा पाने के लिए वाहन के दस्तावेज पेश करने को कहा गया है।
महेशपुर के जंगल में जमा रखा है डेरा
हाथियों के दल ने फिलहाल महेशपुर के जंगल में डेरा जमाया हुआ है। यहां से दोपहर और शाम को हाथी केदमा मार्ग पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में राहगीरों को आवागमन में काफी दिक्कत हो रही है। लोग डर के बीच सड़क पर आना-जाना कर रहे हैं। शनिवार को रेंजर गजेंद्र दोहरे के साथ रमेश सिंह, चंद्रभान, संतोष, नंदकेश्वर, दिनेश तिवारी और अन्य वनकर्मी हाथियों की निगरानी में डटे हुए हैं।
तोड़ डाला था महिला का घर
हाथियों की वजह से गुरुवार की रात ग्राम मानपुर की एक बुजुर्ग महिला को उसके घर से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया। उसी रात हाथियों ने उसके घर को तोड़ डाला था। वन विभाग के 24 घंटे निगरानी और जन जागरूकता की वजह से अब तक कोई जनहानि नहीं हुई है।