सरगुजा: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने भाजपा के घोषणापत्र के अनुसार किसानों को 2 वर्ष का बकाया बोनस देने का निर्णय लिया है। सरगुजा संभाग के किसानों को बकाया बोनस के रूप में 250 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। यह राशि किसानों के खाते में सीधे भेजी जाएगी।
पूर्ववर्ती रमन सरकार के कार्यकाल में किसानों को वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 के धान खरीदी का बोनस नहीं दिया गया था।
दो वर्षों में धान बेचने वाले किसानों का आंकड़ा
जिलेवार आंकड़ा | वर्ष 2016-17 | वर्ष 2017-18 | ||
जिला | किसानों की संख्या | धान, क्विंटल में | किसानों की संख्या | धान, क्विंटल में |
सरगुजा | 18759 | 1069284 | 22070 | 1166170 |
बलरामपुर | 16242 | 1103685 | 18074 | 1096628 |
सूरजपुर | 20566 | 1260766 | 23812 | 1409454 |
कोरिया | 11047 | 604071 | 12045 | 647400 |
योग | 66614 | 4037807 | 76001 | 4319654 |
बीजेपी ने बकाया बोनस और 3100 में धान खरीदी की घोषणा की थी
साल 2023 के विधानसभा चुनाव में किसान दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के चुनावी मुद्दों के केंद्र रहे। भाजपा ने किसानों को रमन सरकार के कार्यकाल में दो वर्षों का बकाया बोनस और 3100 रुपए की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा की है।
25 दिसंबर को आएगी राशि
विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस दिए जाने का निर्णय लिया गया है। यह राशि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किया जा सकता है।
सहकारी समितियों में बढ़ी धान की आवक।
सरकार के पास दो साल का रिकॉर्ड
केंद्रीय सहकारी बैंक के तहत आने वाले सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर और अविभाजित कोरिया जिले के किसानों द्वारा वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान की पूरी जानकारी राज्य सरकार के पास है।
वर्ष 2016-17 में चारों जिलों के 66614 किसानों ने कुल 40 लाख 37 हजार 807 क्विंटल धान बेचा था। वर्ष 2017-18 में 76001 किसानों ने कुल 43 लाख 19 हजार 654 क्विंटल धान बेचा था। बकाया बोनस 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दिया जाएगा।
11 लाख क्विंटल धान की खरीदी
इस साल सरगुजा संभाग के सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और एमसीबी जिलों को मिलाकर एक करोड़ एक लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है। केंद्रीय सहकारी बैंक के सीईओ सुनील वर्मा ने बताया कि अब तक किसानों से 11.61 लाख क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
देर से कटाई और मिचौंग तूफान के कारण धान खरीदी बंद होने के कारण खरीदी कम हुई है। अब किसान बड़ी संख्या में धान बेचने पहुंच रहे हैं।
किसानों से होगी 468 करोड़ की ऋण वसूली
केंद्रीय सहकारी बैंक के अंतर्गत आने वाली समितियों से किसानों ने 468 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लिया है। यह ऋण खाद, बीज और कृषि कार्य के लिए नगदी के रूप में है। किसानों से लिंकिंग के माध्यम से ऋण वसूला जा रहा है। धान बेचने वाले किसानों के ऋण खाते में राशि समायोजित की जा रही है।
किसानों के ऋणमाफी की चुनावी घोषणा कांग्रेस ने की थी। वहीं भाजपा ने किसानों को बकाया बोनस देने की घोषणा की थी।