Surajpur: सूरजपुर वनमंडल के प्रतापपुर परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरबसपुर में विचरण कर रहे 28 हाथियों के दल की एक मादा हाथी घंटों दलदल में फंसी रही। वन विभाग के अमले ने जेसीबी की मदद से रेस्क्यू कर मादा हाथी को बाहर निकाला। बाहर निकलने के बाद मादा हाथी कुछ दूर खेत में बैठ गई। वन अमला उस पर नजर बनाए हुए है।
जानकारी के मुताबिक, 28 हाथियों का दल प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है। यह दल बीती रात बरबसपुर गांव से लगे गन्ने के खेतों में पहुंचा। दल की मादा हाथी खेतों के बीच एक नाले के दलदल में फंस गई। सुबह करीब 4 बजे लोगों ने हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनी। दल के अन्य सदस्यों ने दलदल में फंसी मादा हाथी को निकालने की कोशिश की, फिर दूर चले गए।
बाहर निकलने के बाद खेत में मादा हाथी।
जेसीबी की मदद से बाहर आई हथिनी
सूचना पर प्रतापपुर रेंजर विनय टंडन के साथ सुबह वन अमला मौके पर पहुंचा। मादा हाथी दलदल से निकलने की कोशिश करते हुए थक चुकी थी। उसे निकालने के लिए जेसीबी मंगाई गई। दलदल के पास मिट्टी को हटाकर रास्ता तैयार किया गया। इसके बाद जेसीबी के बकेट से मादा हाथी को धकेलकर सहारा दिया गया, तो मादा हाथी बाहर निकल गई।
जेसीबी के सहारे निकलने के बाद खड़ी हुई।
बुलाई गई चिकित्सकों की टीम
दलदल से निकलने के बाद मादा हाथी पास ही एक खेत में लेट गई है। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने सुबह 4 बजे हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनी थी। वन अमला करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 10 बजे मादा हाथी को निकालने में कामयाब रहा। काफी समय तक बहुत अधिक ठंडे पानी में पड़े रहने के कारण मादा हाथी को ठंड लगने की आशंका है। साथ ही उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं लगने पर जांच के लिए डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया है।
पास ही डटे हैं 27 हाथी
प्रतापपुर वन अमला मादा हाथी पर नजर बनाए हुए है। रेंजर विनय टंडन ने बताया कि दल के 27 हाथी पास ही करसी के जंगल में मौजूद हैं। मादा हाथी के बाहर आने के बाद हथिनी के स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी। मादा हाथी के पैर में भी दिक्कत दिखाई दे रही है। वन अमला जंगल में डटे हाथियों की भी निगरानी कर रहा है।