BHILAI: भिलाई में दबाव डालकर एसबीआई क्रेडिड कार्ड बनवाने फिर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। न्यूज कृष्णा नगर सुपेला निवासी दया सागर शुक्ला ने भास्कर को बताया कि उसने एसबीआई की सेक्टर 1 ब्रांच से एक लोन लिया था। इसके बाद उसने उस लोन अकाउंट को वैशाली नगर ब्रांच में शिफ्ट करा लिया था। यहां एसबीआई क्रेडिट कार्ड मैनेजर वरुण, टोपेंद्र बल्ले और वहां की दो कर्मचारी निधि और अंकिता ने पहले तो उसकी मर्जी के बिना दबाव डालते हुए उसका क्रेडिट कार्ड बनवा दिया।
इसके बाद जब उसने क्रेडिट कार्ड को बंद करवाने की बात कही तो उन्होंने कहा कि उन्होंने रिक्वेस्ट सेंड कर दी है। उनके नंबर पर एक फोन आएगा वो जो पूछेगा बता देना। 18 अक्टूबर 2021 को दया सागर ड्यूटी गया था। फोन आने पर उसकी पत्नी ने फोन उठाया। फोन करने वाले ने अपने आपको एसबीआई क्रेडिट कार्ड से बताया। उसने उसके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा और वो नंबर पूछा। जैसी ही दया की पत्नी ने ओटीपी नंबर बताया उसके क्रेडिट कार्ड अकाउंट से 91 हजार 170 रुपए कट गए।
बयान के दौरान आरोपी पक्ष की तरफ से थाने पहुंचे वकील।
तीन साल बाद भी मामले की जांच नहीं कर पाई पुलिस
क्रेडिट कार्ड से हुए इस धोखाधड़ी के मामले को तीन महीने होने को है, लेकिन दुर्ग पुलिस सिर्फ एफआईआर दर्ज करके अपनी खाना पूर्ति कर रही है। उसने आरोपियों की गिरफ्तारी तो दूर उनका बयान तक दर्ज नहीं किया है।
शिकायतकर्ता को किनारे ले जाकर समझौता करने के लिए समझाता एसबीआई कर्मचारी।
मीडिया के आते ही सारे आरोपियों को थाने से भगाया
दया सागर शुक्ला ने इस मामले की जानकारी भास्कर को दी थी। जैसे ही भास्कर की टीम मंगलवार शाम वैशाली नगर थाने पहुंची तो देखा कि दया सागर थाने के बाहर खड़ा था। अंदर आरोपियों को चाय पानी के साथ कुर्सी देकर वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। जैसे ही जांच अधिकारी ने भास्कर की टीम को देखा दया सागर को बुलाकर डांटने लगा कि उसने मीडिया को क्यों बुलाया।
आरोपियों ने दया सागर को थाने के अंदर मारने की धमकी दी। कुछ ही मिनट के अंदर वहां थाना प्रभारी प्रदीप सोरी आ गए। वो कहने लगे कि ये थाना उनका है। यहां मीडिया कवरेज अलाऊ नहीं है। थाने के बाहर फोटो वीडियो लीजिए। इसके बाद टीआई और जांच अधिकारी ने एसबीआई की तरफ से आए वकील, आरोपियों और एसबीआई के कर्मचारियों को बिना बयान के वापस भेज दिया।
वैशाली नगर थाना प्रभारी प्रदीप सोरी।
एसपी की बात को भी किया गया नजरअंदाज
दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा को इस बात की जानकारी दी गई कि वैशाली नगर थाने में इस तरह का मामला आया है। थाना प्रभारी प्रदीप सोरी थाने के अंदर फोटो वीडियो नहीं लेने दे रहे हैं। एसपी ने इसकी जानकारी एएसपी सिटी संजय ध्रुव को देने की बात कहते हुए कहा कि बयान के दौरान खड़े नहीं होना, मीडिया फोटो वीडियो लेकर वहां से बाहर आ सकती है। यह बात टीआई को बताई गई तो उसने कहा ये थाना उसका है वो जो चाहेगा वही होगा।
इसके बाद इसकी जानकारी एएसपी सिटी संजय ध्रुव को दी गई, तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी जो चाहे वो कर सकता है। बाद में जब इसकी जानकारी भिलाई नगर सीएसपी निखिल रखेचा को दी गई तो उन्होंने कहा कि वो टीआई को बोल रहे हैं, मीडिया फोटो वीडियो बनाकर बाहर आ जाए और पुलिस को उसका काम करने दे। तब जाकर टीआई ने बाइट दी और वीडियो बनाने दिया।
शिकायतकर्ता को जांच अधिकारी ने दी धमकी
मीडिया के आने से और पूरी बात बड़े अधिकारियों तक जाने से टीआई और जांच अधिकारी काफी नाराज दिखे। जांच अधिकारी ने दया सागर शुक्ला को बुलाकर कहा कि अब तक वो उसका सपोर्ट कर रहे थे। मीडिया को बुलाए हो उन्हीं से जांच करवा लो, वो उनकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं। दया सागर शुक्ला का कहना है कि जिस पुलिस से उसे जांच की उम्मीद है वही पुलिस उसके साथ ऐसा बर्ताव कर रही है।