बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दो IAS अफसर के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। साथ ही उन्हें 24 मार्च को हाईकोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा है। डिप्टी कलेक्टर को कलेक्टर के पद पर सीनियरिटी नहीं देने को लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है, जिस पर नोटिस जारी करने के बाद भी सामान्य प्रशासन सचिव और राजस्व प्रशासन विभाग के सचिव की तरफ से जवाब नहीं दिया जा रहा था, जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए वारंट जारी किया है।
महासमुन्द के स्टेशनपारा निवासी शंकरलाल सिन्हा डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व में तहसीलदार पद पर रहते हुए उनके बैच के दूसरे तहसीलदारों को साल 2016 में डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रमोशन दिया गया था। लेकिन, शंकरलाल सिन्हा के खिलाफ विभागीय जांच लंबित होने के कारण उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद पर प्रमोशन नहीं दिया गया। वर्ष 2018 में राजस्व सचिव ने विभागीय जांच पूर्ण होने पर उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया। वर्ष 2016 से डिप्टी कलेक्टर पद पर सीनियारिटी के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए चार माह के भीतर उन्हें डिप्टी कलेक्टर पद की सीनियारिटी देने के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश का नहीं किया पालन
डिप्टी कलेक्टर शंकरलाल सिन्हा ने हाईकोर्ट के आदेश पर शासन के समक्ष हाईकोर्ट के आदेश के साथ अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। लेकिन, निर्धारित समय सीमा के बाद भी उनके प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया, जिसके बाद उन्होंने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की। बीते सात फरवरी को केस की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अवमानना नोटिस जारी होने के छह माह बाद भी अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए जस्टिस पीसैम कोशी ने कड़ी नाराज़गी जाहिर करते हुए दो IAS अफसर सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव और राजस्व विभाग के सचिव को 25-25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी करते हुए 24 मार्च को उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।