रायपुर: छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री को आवास अलॉट किया गया है। इस संबंध में गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने आदेश जारी करते हुए बंगले का आवंटन कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बंगले में रहेंगे।
वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव का बंगला वर्तमान डिप्टी सीएम अरुण साव को मिला है। एक और डिप्टी सीएम विजय शर्मा अब ताम्रध्वज साहू के बंगले में रहेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अभी भी पहुना में ही रह रहे हैं।
मंत्री/विधानसभा अध्यक्ष का नाम | आवंटित आवास | पहले कौन रहता था |
रमन सिंह (विधानसभा अध्यक्ष) | ए-1 सिविल लाइन, शंकर नगर | डॉ चरणदास महंत |
अरुण साव (डिप्टी सीएम) | डी-8, सिविल लाइन | टीएस सिंहदेव |
विजय शर्मा (डिप्टी सीएम) | सी-3 सिविल लाइन | ताम्रध्वज साहू |
बृजमोहन अग्रवाल | बी-5/1, पुराना कमिश्नर बंगला, शंकर नगर | बृजमोहन अग्रवाल |
राम विचार नेताम | सी-5, सिविल लाइन | कवासी लखमा |
दयालदास बघेल | बी-5/5, जेल रोड, पुराना वन संरक्षक बंगला, वन कॉलोनी | |
केदार कश्यप | सी-3 एवं सी-4, फॉरेस्ट कॉलोनी, राजा तालाब | अनिला भेड़िया |
लखनलाल देवांगन | सी-4, शंकर नगर | रविंद्र चौबे |
श्याम बिहारी जायसवाल | सी-2, शंकर नगर | |
ओपी चौधरी | डी-5/9, शंकर नगर | जयसिंह अग्रवाल |
लक्ष्मी राजवाड़े | डी-7 एवं डी-8, शंकर नगर | प्रेमसाय सिंह टेकाम |
टंकराम वर्मा | बी-5/10, शंकर नगर | मोहम्मद अकबर |
डॉ. चरण दास महंत (नेता प्रतिपक्ष) | ई-1, गांधी उद्यान के पीछे, सिविल लाइन | अमरजीत भगत |
भूपेश बघेल (पूर्व सीएम) | ई-1 सिविल लाइन | डॉ. रमन सिंह |
किरण देव (भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष) | बी-5/12 सिविल लाइन | मोहन मरकाम |
कैबिनेट मंत्री के साथ विपक्ष के भी नेताओं को बंगले
साय कैबिनेट के अलावा विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी बंगला अलॉट किया गया है। यह आदेश 2 जनवरी को मंत्रालय महानदी भवन से गृह विभाग की ओर से जारी किया गया है।
बीजेपी का भूपेश बघेल पर तंज
भूपेश बघेल ने अभी तक अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है। बीजेपी ने बघेल के सरकारी आवास खाली नहीं करने पर सवाल खड़ा किया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि हार के बाद भी भूपेश बघेल हार को पचा नहीं पाए हैं। सरकारी मकान नहीं छोड़ना सीधे सीधे जनता के जनादेश का अपमान है। मकान नहीं छोड़ने से वे फिर मुख्यमंत्री नहीं बन जाएंगे।