BILASPUR: बिलासपुर में नियम विरुद्ध तरीके से संचालित ओम नर्सिंग होम को नगर निगम ने सील कर दिया है। भवन संचालक ने आवासीय उपयोग के लिए भवन बनाया है, जिसका व्यावसायिक उपयोग करते हुए नर्सिंग होम संचालित किया जा रहा था। वहीं, भवन में अनियमित निर्माण किया गया है और पार्किंग के लिए भी जगह नहीं है।
नगर निगम ने संचालक को नोटिस भी जारी किया था, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उसके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। सरकंडा के अशोक नगर चौक के पास ओम नर्सिंग होम है। नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत को ओम नर्सिंग होम के नियम विरुद्ध संचालन की शिकायत मिली थी। साथ ही यह भी बताया गया था कि भवन निर्माण में नगर निगम के नियमों का पालन नहीं किया गया है।
नगर निगम की टीम ने नर्सिंग होम को किया सील।
आवासीय नक्शे में भवन बनाकर व्यावसायिक उपयोग
दरअसल, जिस भवन में ओम नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा था, उसका नक्शा आवासीय है, जबकि इसका उपयोग व्यावसायिक काम के लिए किया जा रहा था। इसके अलावा बिना अनुमति के अतिरिक्त निर्माण भी किया गया है। नर्सिंग होम में पार्किंग बहुत जरूरी है, इसके बावजूद इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। फुटपाथ पर अतिक्रमण करते हुए स्थायी रूप से जेनरेटर रखा गया था। शिकायत के आधार पर पहले संचालक को नोटिस जारी कर दस्तावेज की मांग की गई। दस्तावेजों की जांच के बाद अनियमित निर्माण पाया गया, जिसके बाद नगर निगम ने नर्सिंग होम को सील कर दिया है।
नर्सिंग होम एक्ट का भी उल्लंघन
कार्रवाई के दौरान नगर निगम की टीम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी मौजूद रहे। जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि ओम नर्सिंग होम में नर्सिंग एक्ट का भी पालन नहीं किया जा रहा था। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी संचालक को नोटिस जारी किया है।
कई नर्सिंग होम के खिलाफ होगी कार्रवाई
नगर निगम आयुक्त कुणाल दुदावत ने बताया कि शहर में इस तरह से संचालित अवैध नर्सिंग होम के भवनों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें पता चला है कि कई नर्सिंग होम ऐसे हैं, जहां अनियमित निर्माण किया गया और बिना पार्किंग के नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले समय में ऐसे नर्सिंग होम के भवनों के नक्शे और दस्तावेजों की जांच कर उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा।
नर्सिंग होम पर एक्शन, चिंता में सिम्स और जिला अस्पताल के डॉक्टर
शहर में नर्सिंग होम पर कार्रवाई होते ही सिम्स और जिला अस्पताल के डॉक्टर भी घबरा गए हैं। दरअसल जिस नर्सिंग होम पर नगर निगम ने एक्शन लिया है, वहां सिम्स और जिला अस्पताल के डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद यहां काम करने वाले डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है।
निगम के नियमों और शर्तों को दरकिनार कर बनाया गया भवन।
सरकारी डॉक्टरों पर नकेल कसने शासन-प्रशासन ने निकाला तरीका
दरअसल, सिम्स और जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर और सिम्स के डीन को तलब कर खामियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, राज्य सरकार से भी जवाब तलब किया गया है। सिम्स में ओएसडी नियुक्त करने के बाद भी डॉक्टरों और स्टाफ की मनमर्जी चल रही है। यही वजह है कि कलेक्टर अवनीश शरण ने पूरी व्यवस्था को अपने हाथ में ले लिया है।
सिम्स की अव्यवस्थाओं के पीछे प्रमुख वजह यह भी है कि ज्यादातर डॉक्टर निजी प्रैक्टिस पर ज्यादा ध्यान देते हैं। ऐसे में कलेक्टर ने शहर में संचालित ऐसे नर्सिंग होम को चिन्हित कराया है, जिसे या तो परदे के पीछे से सिम्स के डॉक्टर संचालित करते हैं या फिर वहां सेवाएं दे रहे हैं। यही कारण है कि नगर निगम की कार्रवाई से सिम्स के डॉक्टर सकते में आ गए हैं।