Thursday, November 14, 2024
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CG NEWS: मंदिर के केयरटेकर ने की थी हत्या… टंगिया व त्रिशूल मारकर दिया था घटना को अंजाम, 5 महीने पहले मिली अधजली लाश के मामले में हुआ खुलासा

DURG: 5 महीने पहले रसमड़ा सतबहनिया मंदिर परिसर के मंच में एक युवक की टंगिया व त्रिशूल मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव अधजला हालत में मंदिर परिसर में पाया गया था। इस हत्या के मामले के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हत्या और किसी ने नहीं बल्कि उस मंदिर के केयर टेकर ने की थी।

दुर्ग एएसपी सिटी अभिषेक झा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मामला 30 जुलाई 2023 का है। सतबहनिया मंदिर रसमड़ा के मंच में एक 30-40 साल के अज्ञात युवक का शव मिला था। उसके शरीर में त्रिशूल खोंपा गया था। उसके शरीर को जला दिया था। पुलिस चौकी अंजोरा थाना पुलगांव ने अज्ञात आरोपी के हत्या का मामला दर्ज कर इसे जांच में लिया था।

आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजती पुलिस

आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजती पुलिस

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सतबहनिया मंदिर में रह रहा रामचरण चंद्राकर काफी दिनों से फरार है। पुलिस उसकी तलाश में लग गई। इसी दौरान सोमवार को मुखबीर से सूचना मिली कि रामचरण चंद्राकर अपने घर शक्तिनगर दुर्ग आया हुआ है। पुलिस ने तत्काल घेराबंदी कर रामचरण को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने युवक की हत्या करना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर सतहनिया मंदिर के पास झाड़ियों में छुपाकर रखी गई टंगिया को जब्त कर लिया है।

दुर्ग एएसपी सिटी अभिषेक झा और सीएसपी दुर्ग

दुर्ग एएसपी सिटी अभिषेक झा और सीएसपी दुर्ग

रेलवे ट्रैक में हुई थी रामचरण और राजू की दोस्ती

शहर एएसपी झा ने बताया कि 27 जुलाई 2023 को आरोपी रामचरण लोकल ट्रेन से साल्हेकसा महाराष्ट्र में उतरकर पटरी -पटरी डिब्बा बिनते हुए दर्रेकसा की तरफ जा रहा था। इसी बीच रेलवे ट्रैक में एक व्यक्ति मिला। उसने उसे अपना नाम राजू बताया। उसने कहा कि वो बेघर है। तुम जहां रहते हो मुझे भी ले चलो। इसके बाद आरोपी रामचरण राजू को अपने साथ रसमड़ा सतबहनिया मंदिर ले आया। यहां कुछ घंटे रूकने के बाद शाम को वह मंदिर से चला गया। दूसरे दिन वो फिर आया और रात आरोपी के साथ सतबहनिया मंदिर में रुका। इसके बाद फिर सुबह 4 बजे उठकर चला गया। इस तरह वो आना जाना करता था।

रेलवे के सामान को लेकर दोनों के बीच हुआ था विवाद

रामचरण ने पुलिस को बताया कि राजू शराब पीने का आदी था। 30 जुला की वो मंदर में बैठकर शराब पी रहा था और मछली भी खाया था। वो अपने साथ एक बोरी में कुछ लाया था। पूछने पर बताया कि रेलवे का सामान है। रामचरण इस पर नाराज हुआ और उससे कहा कि यहां रेलवे का सामान क्यों लाए हो। वो मंदिर में अकेले रहता है, ऐसे में उसे पुलिस पकड़कर ले जाएगी। ऐसा मत किया करो। इतने में राजू रामचरण से गाली गलौज करने लगा। इससे दोनों के बीच मारपीट हो गई। इसी दौरान राजू मंदिर के अंदर लगे त्रिशुल को तोड़ दिया तथा मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग में लपटे नाग के प्रतिरूप को तोड़ने लगा। जब वो नहीं माना तो रामचरण ने वहीं त्रिशूल उसके पेट में घोंप दिया।

मंदिर तोड़ने पर टंगिया लेकर दौड़ाया

राम चरण ने बताया कि राजू मंदिर में तोड़फोड़ कर रहा था। जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो मंदिर में रखे टंगिया को लेकर आया और राजू को जान से मारने के लिए दौड़ाया। राजू जान बचाकर मंच में चढ़ने लगा तो उसी समय रामचरण ने टंगिया से उसके गर्दन में मारा। चेहरे में टंगिया लगने से राजू वहीं ढेर हो गया। इसके बाद उसके पेट में त्रिशूल घोंप दिया। इससे राजू मंच में गिर गया। उसके बाद आरोपी ने मृतक की पहचान छुपाने के लिये अपने ओढ़ने बिछाने के लिये रखे कंबल तथा पहनने वाले कपड़ों व मंदिर में पेटी में रखे कपड़े डालकर उसके शव को जला दिया। इसके बाद टंगिया को मंदिर के पास झाड़ी में छिपाकर वहां से भाग कर रसमड़ा रेलवे ट्रैक आ गया। वहां पर एक कोयले से भरी ट्रेन में चढ़कर मुढ़ीपार स्टेशन चला गया। फिर लोकल ट्रेन से रायपुर रेलवे स्टेशन चला गया। इसके बार वहीं रहने लगा था।




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