Saturday, May 18, 2024
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CG NEWS: विष्णुदेव साय सरकार ने लिया बड़ा फैसला… 13,269 राजीव युवा मितान क्लब ने कहां कितने पैसे खर्च किए, सभी कलेक्टरों से मांगी रिपोर्ट

रायपुर: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा दो साल पहले युवाओं को रचनात्मक कार्य से जोड़ने के लिए राजीव युवा मितान क्लब का कान्सेप्ट तैयार किया गया था। इसके तहत इन दो सालों में प्रदेश में 13 हजार 269 मितान क्लब का गठन किया गया है। दो साल मे इन सभी क्लबों को 132 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके माध्यम से प्रदेश के पारंपरिक खेलों के अलावा तीजा-पोरा, बैल दौड़ जैसे आयोजन करवाए जा रहे थे।

लेकिन नई सरकार ने मितान क्लबों को जारी राशि के खर्च पर रोक लगा दी है। साथ ही कलेक्टरों से इन क्लबों के माध्यम से किए गए खर्चों की जानकारी तथा उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने को भी कहा गया है। नई सरकार के फैसले के बाद अब मितान क्लब की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठने लगे हैं। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि नई सरकार इस सिस्टम को बंद नहीं करेगी बल्कि इसमें नियुक्त किए गए सभी पदाधिकारी बदलकर इसे यथावत रख सकती है।

खेल विभाग ने लगाई रोक

खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक की ओर से पत्र जारी कर राजीव युवा मितान क्लबों को दी गई के खर्च पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है। इसके साथ ही जिला कलेक्टरों से मितान क्लब योजना अंतर्गत खर्च की जानकारी और उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने के लिए कहा गया है।

हर तीन महीने में दिए जाते थे 25-25 हजार रुपए

बताया गया है कि प्रत्येक राजीव युवा मितान क्लब को विभिन्न गतिविधियों के लिए हर तीन माह में 25 हजार रुपए के हिसाब से सालाना एक लाख रुपए को दिए जा रहे थे। इसके माध्यम से विभिन्न सांस्कृतिक, रचनात्मक गतिविधियां तथा छत्तीसगढ़ की रीति-रिवाज को सहेजने आयोजन करवाये जाते थे। इनमें न्यूनतम 20 और अधिकतम 40 सदस्य बनाए गए हैं।

उपयोगिता प्रमाण पत्र के बाद ही दूसरी किस्त

मितान क्लब को पैसे देने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही दूसरी किस्त देने का प्रावधान है। प्रत्येक क्लब का एक बैंक पासबुक बनाया गया है जिसमें पैसों का लेन-देन अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर के बिना संभव नहीं है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सदस्य बनाए जाने के आरोप भी

राजीव युवा मितान क्लब के गठन के बाद तत्कालीन सरकार पर कई तरह आरोप भी लगे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को क्लब का अध्यक्ष और सदस्य बनाए जाने की बात भी सामने आई। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह भी थी क्योंकि अध्यक्ष और सदस्य के नाम की अनुशंसा प्रभारी मंत्री की ओर से किए जाने का प्रावधान रखा गया है।

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