दुर्ग: जिले के भिलाई में एक बरगद के पेड़ को काटने पर दो दिन से पानी निकल रहा है। इसे लोग चमत्कार मान रहे हैं और बर्तनों में भरकर घर ले जा रहे हैं। उनका कहना है कि वे इस पेड़ को काटने नहीं देंगे। पेड़ के पास भगवान शिव का मंदिर भी बना हुआ है। रेलवे ने इसे काटने के आदेश दिए हैं।
दरअसल, मरोदा रेलवे स्टेशन पर बरगद का काफी पुराना पेड़ है। यह पेड़ निर्माणाधीन नई रेलवे लाइन की जद में आ रहा है। इसके चलते रेलवे ने पेड़ काटने से पहले उसकी डालों की छंटाई की गई। पेड़ की डाल को काटने के बाद उसमें पानी निकलने लगा।
पेड़ को काटने पर उसकी टहनी से निकल रहा पानी।
लोगों ने पानी को गिलास, लोटा और बर्तनों में भरकर रखा
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगलवार को डाल काटने पर अधिक पानी निकल रहा था। गुरुवार को यह पानी कम हो गया है। जब दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची, तो पेड़ की डाल से बूंद-बूंद कर पानी निकल रहा था। लोग पानी को गिलास और अन्य बर्तन में भर रहे थे।
लोग इसे दैवीय चमत्कार बता रहे।
पानी को लेकर लोगों में अंधविश्वास
स्थानीय लोगों का कहना है कि पेड़ को काटने पर जो पानी निकल रहा उसे भगवान के प्रसाद के रूप में घर ले गए हैं। उनका कहना है कि इसे छिड़कने से सभी रोग और दोष मिट जाएंगे।
पेड़ को नहीं काटने करेंगे मांग
जिस पट वृक्ष को काटा गया है, उसके नीचे भगवान भोलेनाथ का छोटा से मंदिर बना है। लोगों का कहना है कि ये महादेव की कृपा है। रेलवे के अधिकारियों से मांग करेंगे कि इस पेड़ को ना काटा जाए।
टिशू की खराबी के चलते पेड़ से निकलता है पानी
जब इस बारे में जानकारी जुटाई गई, तो पता चला कि सभी पेड़ों पर दो प्रकार के टिशू होते हैं। एक फलोइम, जो कि पेड़ के सभी भागों में संतुलित भोजन पहुंचाता है। दूसरे टिशू को जाइलम कहते हैं। जाइलम पेड़ की जड़ों में से पानी को बाकी हिस्से में पहुंचाता है। अगर जाइलम टिशू में कोई खराबी हो जाती है, तो यह टिशू धरती में से अधिक मात्रा में पानी खींचने लग जाता है।
इससे उस पेड़ के तने के फटने से कोई गड्ढा सा बन जाता है, जहां से यह पानी निकलने लगता है। कोई ऐसे पेड़ को काटता है, तो वहां से पानी निकलता है। लोग इसे चमत्कार समझने लगते हैं। इंटरनेट में इस पानी को न पीने की भी सलाह दी गई है। यह मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।