Tuesday, May 7, 2024
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CG: खाद्य विभाग की जांच में सहकारी समिति से गायब मिला धान… 43 लाख रुपये के धान की गड़बड़ी का खुलासा, बोगस खरीदी की आशंका

सहकारी समिति में जांच करने पहुंचे अधिकारी

सरगुजा: जिले के लखनपुर विकासखंड अंतर्गत अमलमिट्ठी धान उपार्जन केंद्र में शुक्रवार को खाद्य अधिकारी के दल ने जांच की। इस दौरान समिति से 4894 बोरा धान गायब मिला। गायब धान की कीमत 43 लाख रुपए है। प्रथम दृष्टया समिति में बोगस खरीदी की आशंका है। समिति के प्रबंधक सहित अन्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रकरण तैयार किया जा रहा है।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान सहकारी समितियों के धान खरीदी केंद्रों और राइस मिलों के औचक निरीक्षण के निर्देश कलेक्टर विलास भोस्कर ने दिए हैं। शुक्रवार को जिला खाद्य अधिकारी रविंद सोनी के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अमलभिट्ठी के धान उपार्जन केंद्र का औचक निरीक्षण किया। जांच में 1957 क्विंटल 60 किलो धान कम मिला।

धान के भौतिक सत्यापन में हुआ गड़बड़ी का खुलासा

धान के भौतिक सत्यापन में हुआ गड़बड़ी का खुलासा

बोगस खरीदी की आशंका, नहीं मिला जवाब
खाद्य अधिकारी रविंद्र सोनी ने बताया कि धान उपार्जन केंद्र अमलभिट्ठी में 47681.60 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। इसमें से 40230 क्विंटल धान का उठाव समिति से किया जा चुका है। शेष धान 7451.60 क्विंटल मौके पर होना चाहिए था।

धान का भौतिक सत्यापन कराने पर 4894 बोरी धान कम पाया गया। गायब 1957.60 क्विंटल धान की कीमत 42.73 लाख रुपये आंकी गई है। धान के संबंध में समिति के कर्मचारियों से पूछताछ किए जाने पर वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

समिति प्रबंधक व कर्मियों पर होगी कार्रवाई
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि समिति प्रबंधक सह डाटा एंट्री ऑपरेटर जैनेंद्र प्रसाद राजवाड़े, धान खरीदी प्रभारी शैलेन्द्र कुमार राजवाड़े और फड़ प्रभारी देवकुमार यादव द्वारा 1957.60 क्विंटल धान का हेर-फेर किया गया है।

नियमानुसार कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर सरगुजा को भेजा जा रहा है। जांच में खाद्य अधिकारी सहित जिला विपणन अधिकारी अरुण विश्वकर्मा, सहायक खाद्य अधिकारी रोशन गुप्ता, खाद्य निरीक्षक शैलेन्द्र एक्का सहित अन्य कर्मचारी शामिल रहे रहे।

राइस मिल से गायब मिला था दो करोड़ का धान
खाद्य अधिकारी के दल ने पांच दिनों पूर्व विकासखंड लुंड्रा अंतर्गत ग्राम पंचायत चोरकीडीह के सुमित गोयल द्वारा संचालित बनभौरी राइस इंडस्ट्रीज में जांच की तो दो करोड़ रुपये का 9500 क्विंटल धान गायब मिला। निरीक्षण में पाया गया कि राइस मिल द्वारा 17020 क्विंटल धान उठाव किया गया है।

धान उठाव के बाद मिलर्स द्वारा मात्र 867 क्विंटल ही चावल जमा किया गया है। शेष धान के भौतिक सत्यापन में 9,522 क्विंटल धान कम पाया गया। अधिकारियों ने मिलर्स से कुल 1.59 करोड़ रुपए मूल्य का 3385 क्विंटल चावल और 1152 क्विंटल धान को जब्त किया है।

बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका
समर्थन मूल्य में धान खरीदी में सहकारी समितियों और राइस मिलर्स की मिलीभगत से बड़ी गड़बड़ी की आशंका है। कागजों में समितियों में धान खरीदी किए जाने और कागजों में ही उठाव किए जाने की गड़बड़ी पूर्व में की जाती रही है।

राइस मिलर्स को धान की मिलिंग के बाद चावल जमा करने का पर्याप्त समय मिलता है। इसलिए धान व चावल की कमी पूरा करने उन्हें अतिरिक्त समय मिल जाता है। इससे करोड़ों रुपए की गड़बड़ी होती रही है।

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