रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के तीसरे और आखिरी दिन राहुल गांधी ने स्पीच दी। राहुल ने भाषण की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों से की। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री-अडाणी के संबंध, जयशंकर के दिए चीन पर बयान समेत कई मुद्दों पर बात की।
राहुल ने कहा- मैं 1977 में 6 साल का था। मुझे चुनाव के बारे में नहीं पता था। मैंने मां से पूछा कि क्या हुआ? मां ने कहा कि हम घर छोड़ रहे। तब तक मुझे लगता था कि वह हमारा घर है… मैं इस बात पर हैरान था। 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है। राहुल की पूरी स्पीच सिलसिलेवार पढ़ें…
1. जब गले लगता था तो ट्रांसमिशन सा होता था
राहुल गांधी ने कहा, ‘4 महीने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की। वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा, लेकिन हमारे साथ लाखों लोग चले। बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एकसाथ चले। बहुत कुछ सीखने को मिला। आपने देखा हो कि पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला। मैंने उसके हाथ पकड़े और सालों की उसकी तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। लाखों किसानों के साथ जैसे ही हाथ मिलाता था, गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था।
शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें हैं। एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो समझ जाते थे।’
अधिवेशन में सोनिया के संबोधन के बाद मां को गले लगाते हुए राहुल गांधी। मंच पर तमाम नेता भी मौजूद।
2. यात्रा शुरू की तो पुरानी चोट का दर्द उभर आया
राहुल गांधी ने कहा, ‘आपने बोट रेस देखी होगी। मैं बोट में बैठा था। मेरे पैर में भयंकर दर्द था। मैं उस फोटो में मुस्कुरा रहा हूं, मगर मेरे दिल के अंदर रोना आ रहा था। मैंने यात्रा शुरू की। फिट आदमी हूं। 10-12 किलोमीटर ऐसे ही दौड़ लेता हूं। घमंड था कि 20-25 किलोमीटर चलने में कौन सी बड़ी बात है।
पुरानी चोट थी। कॉलेज में चोट लगी थी फुटबॉल खेलते वक्त। मैं दौड़ रहा था दोस्त ने अड़ंगी मार दी थी। वो दर्द गायब हो गया था। जैसे ही यात्रा शुरू की, दर्द वापस आ गया। आप मेरा परिवार हो तो आपसे कह सकता हूं कि सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए। उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा।
फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था। लोगों से मिलता था। पहले 10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब हो गया। क्यों गायब हुआ। क्योंकि भारत माता ने मैसेज दिया था िक तुम निकले हो कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए तो अपने दिल से अहंकार मिटा दो। नहीं तो मत चलो। मुझे ये बात सुननी पड़ी। मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि ये बात ना सुनूं।’
अधिवेशन के बीच बैठक से उठकर सोनिया गांधी को शॉल ओढ़ाते दिखे राहुल गांधी।
3. आज तक मेरे पास घर नहीं है
उन्होंने कहा, ‘मैंने धीरे-धीरे नोटिस किया कि मेरी आवाज चुप होती गई। जम्मू-कश्मीर पहुंचा तो बिल्कुल चुप हो गया। मेडिटेशन करता हूं जैसे वैसे ही चुप हो गया। मां बैठी हैं। मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं।
तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकार का घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। आज तक नहीं है।’
राहुल गांधी ने जब घर छोड़ने का किस्सा सुनाया तो मंच पर बैठी सोनिया भावुक हो गईं।
4. हिंदुस्तान के लोगों ने जो मुझसे कहा, वो दर्द समझा नहीं सकता
राहुल बोले, ‘यात्रा में मेरे साथ लोग थे। लाखों लोग थे। मैं सोचता था कि मैं क्या कर रहा हूं। मकसद क्या है। मैंने अपने दफ्तर के लोगों को बुलाया। उनसे कहा कि भीड़ है लोगों को धक्का लगेगा, चोट लगेगी। हमें एक काम करना है कि मेरे साइड में 20-25 फीट तक जो जगह है, वो हमारा घर है। ये घर हमारे साथ चलेगा। सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ये घर साथ चलेगा।
मैंने सबसे कहा कि इस घर में जो भी आएगा, अमीर हो चाहे गरीब, बुजुर्ग हो, युवा हो या बच्चा, किसी भी धर्म, किसी भी राज्य का हो, हिंदुस्तान से बाहर का हो, जानवर हो, उसे ये लगना चाहिए कि मैं आज अपने घर आया हूं। जब वो यहां से जाए तो उसे लगना चाहिए कि मैं घर को छोड़कर जा रहा हूं। जिस दिन ऐसा हुआ यात्रा जादू से बदल गई। लोग राजनीति की बात नहीं करते थे। हिंदुस्तान के लोगों ने महिलाओं ने इस देश के बारे में मुझसे जो कहा, वो आपको बता नहीं सकता। युवाओं का दर्द आपको नहीं समझा सकता।’
5. महिला ने हाथ पकड़ा तो मैंने वही प्यार दिया, जो बहन प्रियंका को देता हूं
राहुल गांधी ने कहा, ‘एक महिला पास आई, उसका हाथ मैंने पकड़ा और पता चल गया कि कुछ ना कुछ बात है। जो मेरा प्यार मेरी बहन के लिए है, वही प्यार मैं उसे देने लगा। मुझे अजीब सा लगा कि ये कैसे हो रहा है। मुझसे उसने कहा-राहुल भैया आपसे मिलने आई हूं। मेरा पति मुझे मार रहा है, पीट रहा है। मुझे ये सुनने को मिला। मेरा परिवार सालों पहले जम्मू-कश्मीर से आया था। मैंने सोचा कि कन्याकुमारी से मैं कश्मीर तक अपना घर ले जा रहा हूं और यहां लग रहा है कि वापस अपने घर जा रहा हूं।’
6. मोदीजी ने 15-20 लोगों के साथ लालचौक में तिरंगा फहराया, हमने लाखों लोगों के साथ
राहुल ने कहा, “नरेंद्र मोदी जी बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक में झंडा फहराया, भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों लोगों के साथ झंडा फहराया, प्रधानमंत्री को समझ नहीं आया। एक कश्मीरी आया और कहा कि मैं आपके साथ तिरंगा लेकर चल रहा हूं। आपने हमारे दिल में जो भरोसा दिया है। उसकी वजह से साथ चल रहा हूं। हमारे साथ भारत यात्रा में लाखों लोग जुड़े ये काम राहुल गांधी ने नहीं किया, हमारे कार्यकर्ता ने किया।’
7. गांधी जी कहते थे कि सत्य का रास्ता मत छोड़ो, ये सत्ता का रास्ता नहीं छोड़ते हैं
एक नेता ने इंटरव्यू में कहा कि चीन की इकॉनमी हमसे बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं। क्या जब अंग्रेजों से लड़ रहे थे, तो हमारी इकॉनमी उनसे बड़ी थी। क्या शक्तिमान से लड़ना ही नहीं हैं। ऐसे व्यवहार को कायरता कहा जाता है। ये सावरकर की सोच है कि जो आपसे तगड़ है तो उसके सामने सिर झुका हो।
एक मंत्री बोल रहा है कि चीन की इकॉनमी हमसे बड़ी है तो लड़ नहीं सकते हैं। इसे देशभक्ति कहते हैं क्या। ये कौन सी देशभक्ति है। जो कमजोर है, उसे मारो और जो मजबूत है उसके सामने झुक जाए। महात्मा गांधी सत्याग्रह की बात कहते थे। सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो। ये लोग सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। किसी से भी मिल जाएंगे। ये इनकी सच्चाई है।
8. भाजपा और संघ अडाणी की रक्षा क्यों कर रहे हैं
मैंने संसद में एक उद्योगपति के खिलाफ मोर्चा खोला। मैंने एक फोटो दिखाई,जिसमें मोदीजी अडाणी के साथ प्लेन में बैठे हैं। मैंने पूछा रिश्ता क्या है। पूरी सरकार, सभी मंत्री अडाणीजी की रक्षा करने लग गए। अडाणी पर हमला करने वाला देश द्रोही और अडाणी देशभक्त बन गए। भाजपा और संघ उस व्यक्ति की रक्षा कर रहे हैें। सवाल है कि रक्षा क्यों कर रहे हैं। ये जो शेल कंपनियां हैं, हजारों करोड़ रुपया हिंदुस्तान भेज रही हैं, ये किसकी हैं। इसमें किसका पैसा है। जांच क्यों नहीं हो रही है। जेपीसी क्यों नहीं बन रही है।
पार्टी के अधिवेशन में 2024 लोकसभा चुनाव में यूनाइटेड विपक्ष को लेकर भी बात हुई।
रोजगार, शिक्षा और कृषि-किसान कल्याण जैसे मुद्दो पर होगी चर्चा
रविवार यानी आज अधिवेशन के आखिरी दिन राहुल की स्पीच के बाद 3 प्रस्तावों पर चर्चा होगी। दोपहर 2 बजे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का संबोधन होगा। 3 बजे मेगा रैली के साथ अधिवेशन समाप्त हो जाएगा। अधिवेशन में कृषि-किसान कल्याण, युवा रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण जैसे प्रस्ताव पर बात होगी। अधिवेशन के समापन में होने वाली मेगा रैली में करीब दो लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है।
अब जानते हैं महाधिवेशन के पिछले दो दिनों में क्या-क्या हुआ…
सोनिया गांधी का राजनीति से रिटायरमेंट का इशारा
अधिवेशन के दूसरे दिन शनिवार यानी 25 फरवरी को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से रिटायरमेंट का इशारा कर दिया। सोनिया ने कहा- 1998 में जब मैं पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनी तब से लेकर आज तक यानी पिछले 25 सालों में बहुत कुछ अच्छा और कुछ बुरा अनुभव भी रहा।
2004 और 2009 में पार्टी का परफॉर्मेंस हो या फिर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का मेरा निर्णय। यह व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए संतोषजनक रहा। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मुझे पूरा सहयोग मिला। जिस बात से मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि है, वह ये कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ अब मेरी पारी समाप्त हो सकती है। ये पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
खड़गे ने कहा- 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता जरूरी
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधिवेशन के दूसरे दिन अपने संबोधन में विपक्षी एकता की बात की। खड़गे ने कहा- 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पूरे विपक्ष को एक मंच पर आना होगा। विपक्षी पार्टियों को थर्ड फ्रंट से बचना चाहिए। इस तरह का निर्णय उल्टे भाजपा को ही मजबूत करता है।
खड़गे ने कहा कि देश में नफरत का माहौल है। सरकार रेल, जेल, तेल सब कुछ अपने मित्रों को बेच रही है। आज देश में कांग्रेस के बनाए संस्थानों-उद्योगों को भाजपा की सरकार बेच रही है। वे अपने मित्रों को फायदा पहुंचा रहे हैं। दिल्ली सरकार में बैठे लोगों का DNA गरीब विरोधी है।
कांग्रेस के संविधान में बदलाव किया गया है। उनमें ये प्रमुख हैं…
- अनूसूचित जाति, आदिवासी, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के लिए AICC डेलीगेट्स और सभी पदों पर 50 फीसदी पद आरक्षित होंगे।
- 50 फीसदी पदों में 50 साल से कम के लोगों की भागीदारी होगी।
- 1 जनवरी 2025 से कांग्रेस में अब पेपर मेंबरशिप नहीं होगी, सिर्फ डिजिटल मेंबरशिप होगी।
- कांग्रेस के फार्म में थर्ड जेंडर की चर्चा होगी, अब फार्म में मां और पत्नी का नाम भी लिखा जाएगा।
- ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर जहां भी कांग्रेस के चुने हुए सदस्य हैं। वे सभी डेलीगेट्स होंगे।
- सदस्यतता से सशक्तिकरण की ओर अब 6 पीसीसी डेलिगेट्स मेंबर पर एक AICC मेंबर चुना जाएगा। अभी तक 8 पर चुना जाता था।
- AICC मेंबर की संख्या 1240 से बढ़कर 1653 हो जाएगी।
पहले दिन 24 फरवरी यानि शुक्रवार को क्या हुआ
स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में तय हुआ कि, कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव नहीं होंगे।
स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें यह फैसला हुआ कि कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के चुनाव नहीं होंगे। बैठक में शामिल सदस्यों ने आम सहमति से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को CWC मेंबर चुनने का अधिकार दिया। इसके साथ ही संगठन में SC-ST, OBC, युवाओं और महिलाओं को 50 फीसदी तक आरक्षण देने का फैसला हुआ।
कांग्रेस के 85वें अधिवेशन खास तस्वीरें..
ध्वजारोहण के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम।
एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रियंका गांधी को रिसीव करने पहुंचे थे जहां कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में फूल बरसाए।
कांग्रेस के 85वें अधिवेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
नहीं होगा CWC का चुनाव, खड़गे को सदस्य नॉमिनेट करने का अधिकार; पार्टी के संविधान में संशोधन पर चर्चा
एयरपोर्ट के बाहर राहुल और सोनिया को भूपेश बघेल और अशोक गहलोत रिसीव करने पहुंचे थे।
कांग्रेस पार्टी के 85वें अधिवेशन के पहले दिन स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में तय हुआ है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का चुनाव नहीं होगा। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को CWC के सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार सर्वसम्मति से दिया गया है। पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महंगाई, बेरोजगारी और अडानी मसले को लेकर केंद्र पर तंज कसा।
स्टीयरिंग कमेटी की गांधी विहीन बैठक के मायने:नेता बोले-अभी 9 राज्यों में चुनाव, CWC के भी चुनाव हुए तो पार्टी में फूट पड़ेगी
कांग्रेस संगठन की सर्वोच्च बैठक अर्थात महाधिवेशन रायपुर में चल रहा है। 1885 में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का यह 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन है। ऐसे अधिवेशन होते रहे हैं, लेकिन इस बार यह अधिवेशन अपने पहले दिन, पहले ही सत्र में विशेष चर्चा का केंद्र बन गया है। इसके दो कारण हैं, पहला- स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में गांधी परिवार से किसी के नहीं शामिल होना।
मल्लिकार्जुन खड़गे का केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- सत्ता के लोगों का DNA गरीब विरोधी
नवा रायपुर में चल रहे कांग्रेस महाधिवेशन के दूसरे दिन अपने अभिभाषण में AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वह कविता पढ़ी जिसे सदन की कार्यवाही से डिलीट कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि इसी कविता को असंवैधानिक बताते हुए उनकी सैलरी भी काट ली गई।