Sunday, May 5, 2024
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CG: कुएं में गिरे भालूओं को निकालने में 7 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन… मुंगफली खाने पहुंचे 4 भालू गिर गए थे, ढलान बनाकर निकाला गया बाहर

Korea: कोरिया वनमंडल अंतर्गत बैकुंठपुर परिक्षेत्र के ग्राम सोंस में बीती रात 4 भालूओं का परिवार कुएं में गिर गया। कुएं में गिरे एक मादा भालू, नर भालू और उसके दो शावकों के चिल्लाने की आवाज सुनकर सुबह ग्रामीणों ने उन्हें देखा। भालुओं को निकालने के लिए डीएफओ के नेतृत्व में वन अमले ने 7 घंटे तक अभियान चलाया। कई उपाय विफल हो जाने पर भालुओं को निकालने के लिए कुएं में गड्ढे खोदकर ढलान बनाया गया तो सभी भालू कुएं से बाहर निकल गए।

मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम सोंस के खेतों के पास बने कुएं में गुरूवार सुबह लोगों ने भालुओं के चिल्लाने की आवाज सुनीं। वे कुएं के पास गए तो कुएं में दो शावकों सहित चार भालू गिरे हुए दिखे। सूचना पर कोरिया वनमंडल की डीएफओ प्रभाकर खलखो, एसडीओ अखिलेष मिश्रा, रेंजर सहित वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंच गई। कुएं में पानी कम था। कुएं की मुंढेर नहीं होने के कारण संभवतः भालू कुएं में गिर गए थे।

गिरने के बाद सहमकर घंटों बैठे रहे कुएं में

गिरने के बाद सहमकर घंटों बैठे रहे कुएं में

सहमें रहे भालू
जहां भालू कुएं में गिरे थे, वहां पास में मुंगफली के खेत हैं। ग्रामीणों ने बताया कि भालू अकसर मुंगफली खाने पहुंचते हैं। वनअमले एवं ग्रामीणों की भीड़ मौके पर लग गई तो भालू सहमे रहे। कुएं का पानी अत्यधिक ठंडा होने के कारण मादा भालू ने अपने शावकों को ढंक कर रखा था। वनविभाग की टीम ने भालुओं को निकालने के लिए उपाय शुरू किया।

बांस व जेसीबी में नहीं चढ़े भालू
वन विभाग की टीम के साथ पहुंचें एसडीओ अखिलेष मिश्रा ने पहले कुछ लंबे लंबे बांस एवं रस्सी कुएं में डलवाए, ताकि उसके सहारे भालू उपर आ सकें। काफी इंतजार के बाद भालुओं ने उसके सहारे का फायदा नहीं उठाया तो उन्हें जेसीबी के माध्यम से उपर लाया जाए। जेसीबी के बकेट को भालुओं तक पहुंचाने की कोशिश की गई, परंतु जेसीबी को देख भालू विचलित हो गए। इस कारण यह प्रयास विफल हो गया।

वनविभाग ने भालुओं को निकालने तैयार कराया रास्ता

वनविभाग ने भालुओं को निकालने तैयार कराया रास्ता

फल को भी नहीं छुआ तो खोदा गया गड्ढा
मौके पर पहुंची कोरिया वन मंडल की डीएफओ प्रभाकर खलखों अपने साथ टब, रस्सी, भालुओं के खाने के लिए फल लेकर आईं। टब को तैयार कर कुएं उसमें खाने की वस्तुएं डाली गईं, परंतु भालुओ ने उसे नहीं छुआ। इसके बाद जेसीबी से खोद कर भालुओं के लिए रास्ता बनाया गया, तब भालूओं का पूरा परिवार एक के बाद एक बाहर आया और जंगल की ओर चला गया। सात घंटे बाद भालू बाहर आ गए तो वनविभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

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