Sunday, December 8, 2024
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CG: हाथी देखने की जिद ने ली जान… जंगल में पहुंचे नशे में धुत युवक को पटक कर मार डाला; टुकड़ों में मिला शव

AMBIKAPUR: अंबिकापुर में हाथी देखने की जिद ने एक युवक की जान ले ली। नशे में धुत होकर युवक बुधवार रात करीब 10 बजे हाथी देखने के लिए जंगल में घुस गया। इसके बाद अगले दिन गुरुवार को उसका शव क्षत-विक्षत हालत में मिला है। सूचना मिलने पर पर वन विभाग की टीम पहुंची और मौके पर शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया।

उदयपुर वन परिक्षेत्र के महुआ टिकरा से लगे भालू भदरा के जंगल में 11 हाथियों का दल पहुंचा हुआ है। ये हाथी करीब 20 दिन पहले प्रेमनगर क्षेत्र दाखिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि कुमडेवा के सलबापारा निवासी टापू मंझवार (35) अपने साथियों के साथ 2 किलोमीटर दूर जंगल में हाथी देखने के लिए पहुंचा था।

मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी व वन कर्मी

मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी व वन कर्मी

सुबह किसानों ने देखा शव

रात होने के कारण नशे में धुत टापू मंझवार ​​​​​​​के साथी जंगल में जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके और उस​​​​​​​को छोड़कर भाग निकले। अगले दिन महुआ टिकरा निवासी किसान कुलदीप और राज किशोर अपने खेत में पहुंचे तो देखा कि हाथियों ने उनकी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया था। वहीं पास के जंगल में उन्हें युवक का शव दिखा तो वन विभाग को सूचना दी।

परिजनों ने की शिनाख्त

वन विभाग की टीम पहुंची तो शव टुकड़ों में पड़ा हुआ था। दोनों पैर, एक हाथ हाथियों ने उखाड़ दिया था और सिर को भी कुचल दिया था। जांच के दौरान शाम को पता चला कि टापू मंझवार हाथी देखने गया था और नहीं लौटा। इस पर उसके परिजनों को बुलाकर शव की शिनाख्त कराई गई।

शव को ट्रैक्टर द्वारा लाया गया

शव को ट्रैक्टर द्वारा लाया गया

ग्रामीणों ने रोका था, पर नहीं माना युवक

ग्रामीणों ने बताया कि टापू मंझवार ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी थी और वे हाथी देखने जाने की बात कहकर निकले थे। ग्रामीणों ने उन्हें नशे में देखकर रोका था, पर वे नहीं माने। साथ गए दोस्तों ने भी उसे रोका था। टापू मझवार के दो बेटे और एक बेटी है। सभी 9 से 12 वर्ष की उम्र के हैं।

50 हेक्टेयर में लगी फसल को किया बर्बाद
क्षेत्र में 20 दिनों से डटे हाथियों ने उदयपुर परिक्षेत्र में करीब 50 हेक्टेयर में लगी फसल को बर्बाद कर दिया है। इन दिनों किसानों का मक्का तैयार है और धान में बालियां आ गई हैं। हाथी खासकर धान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीण अपनी तैयार फसल की बर्बादी देखकर परेशान हैं। वन विभाग से मिलने वाला मुआवजा खेती में लगने वाली लागत से भी आधा होता है।

निगरानी दल तैनात, नहीं मान रहे लोग
एसडीओ फारेस्ट विजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हाथियों की निगरानी के लिए वन अमला तैनात है। दिन व रात में भी हाथियों पर नजर रखकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। फिर भी लोग हाथी देखने के लिए पहुंच जाते हैं, जो वन विभाग के लिए भी परेशानी का कारण है। इन्ही हाथियों के उदयपुर-केदमा मुख्यमार्ग में आ जाने पर मार्ग भी बंद करना पड़ा था।




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