सूरजपुर: जिले में सोमवार तड़के करीब 4 बजे दो दंतैल हाथियों ने बुजुर्ग दंपती को पटक-पटक कर मार डाला। रात में पति-पत्नी जंगल किनारे बसे कच्चे मकान में सो रहे थे। तभी हाथी पहुंच गए और घर को भी तोड़ दिया। इनकी कोई संतान नहीं है। घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है।
जानकारी के मुताबिक, घटना प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत दरहोरा की है। हरिधन (79) और पत्नी नन्ही (65) जंगल किनारे घर बनाकर रह रहे थे। रात में हाथियों ने घर की सीट को हिलाया तो डरकर दोनों घर से बाहर निकल आए। जिससे हाथियों ने दोनों को कुचल दिया। घर तोड़कर अंदर रखे अनाज भी खा गए।

बुजुर्ग दंपती की फाइल फोटो।
पास के जंगलों में भागे हाथी
तोड़फोड़ और चिंघाड़ सुनकर आसपास के लोगों ने शोर मचाया, तो हाथी पास के ही जंगल में घुस गए। सुबह सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम गांव पहुंची। जिसके बाद वन अमले को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। हाथियों की मौजूदगी की सूचना नहीं देने पर ग्रामीणों में नाराजगी है। प्रतापपुर क्षेत्र में रेंजर और वन अधिकारी भी नहीं रहते हैं।
कई दिनों से जंगल में डटे हैं हाथी
एसडीओ फॉरेस्ट अशुतोष भगत ने बताया कि बुजुर्ग दंपती को मारने वाले दो दंतैल हाथियों में एक हाथी सीतापुर लुंड्रा से अंबिकापुर होते हुए प्रतापपुर पहुंचा है। दूसरा दंतैल वाड्रफनगर क्षेत्र में विचरण कर रहे 34 हाथियों के दल से अलग होकर प्रतापपुर आया है। करीब 15 दिनों से हाथी गणेशपुर, सिंघरा और सरहरी के जंगल में विचरण कर रहे थे।

हाथियों ने तोड़ दिया घर।
निःसंतान दंपती का लोगों ने किया था सहयोग
निःसंतान दंपती का घर टूट गया था। जिसे प्रतापपुर के सामाजिक कार्यकर्ता राकेश मित्तल, उनके साथी जिशान खान सहित कई युवाओं ने पंचायत सचिव की मदद से ठीक कराया था। टूटी दीवारों की मरम्मत कराकर ऊपर सीट लगाई गई थी। जंगल किनारे बने घर के आसपास 100-100 मीटर की दूरी पर दूसरे घर बने हुए हैं।
वन विभाग ने ग्रामीणों को किया सतर्क
घटना के बाद वन अधिकारियों ने हाथियों से सतर्क रहने और दूरी बनाकर रखने की हिदायत दी है। दोनों हाथी आक्रामक है। इनमें से एक हाथी ने 10 दिन पहले लुंड्रा क्षेत्र में एक बुजुर्ग को भी मार डाला था।

(Bureau Chief, Korba)