Thursday, May 9, 2024
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Chhattisgarh : बहुचर्चित जमीन घोटाले के आरोपी ने किया सरेंडर, CJM कोर्ट से पुलिस को मिला 4 दिनों का रिमांड, कलेक्टर न्यायालय में नहीं हुआ था पेश

सरगुजा: अंबिकापुर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ बेशकीमती जमीन को दूसरे व्यक्ति को कोर्ट में खड़ा कर भू-माफिया ने बेच दी। अब इस बहुचर्चित मामले के आरोपी बंशु लोहार ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

कोर्ट ने बंशू लोहार को 4 दिनों की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। कोर्ट में पुलिस ने उसकी आठ दिनों की रिमांड मांगी थी। उक्त जमीन घोटाले में कलेक्टर ने 28 मार्च को आदेश जारी कर सभी रजिस्ट्री शून्य कर दी थी।

बंसू लोहार की 15 साल पहले हो चुकी है मौत

जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर के नमनाकला निवासी बंसू लोहार की मौत 15 साल पहले हो चुकी है। उसे सिंहदेव योजना के तहत वर्ष 1967-68 में नमनाकला में शासकीय नजूल भू-खंड क्रमांक 243/1 में से 4.22 एकड़ भूमि का पट्टा जारी किया गया था।

परसा निवासी बंसू लोहार को तैयार किया

साल 1971-72 में नमनाकला के सभी शासकीय भूमि को नजूल घोषित कर दिया गया। इसमें बंसू लोहार की जमीन भी नजूल अभिलेखों में दर्ज हो गई थी। ​अंबिकापुर के भू-माफिया ने नमनाकला निवासी बंसू लोहार के स्थान पर परसा निवासी बंसू लोहार को तैयार किया।

2019 में बंसू लोहार के नाम पर फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज तैयार करा नामांतरण के लिए आवेदन पेश कर नजूल रिकॉर्ड में त्रुटि सुधार करने और नामांतरण दर्ज करने का आवेदन पेश किया। नामांतरण के बाद बेशकीमती जमीनें निजी लोगों को बेच दी गई थी।

पुलिस को मिली चार दिन की रिमांड

पुलिस को मिली चार दिन की रिमांड

कोर्ट में पहुंचा बंसू लोहार

मामले की कलेक्टर न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान बंसू लोहार नहीं पहुंचा था। उसे पुलिस लगातार खोज रही थी। बुधवार की दोपहर बंसू लोहार पिता भुटकुल ने सीजेएम न्यायालय में सरेंडर कर दिया। मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट खुलेश्वरी सिन्हा के समक्ष बंशु लोहार का बयान दर्ज किया गया।

बयान दर्ज करने के बाद उसे सीजेएम न्यायालय में भेज दिया गया। यहां पुलिस ने पूछताछ के लिए बंसू लोहार की आठ दिनों की रिमांड मांगी थी। सीजेएम न्यायालय द्वारा पुलिस को चार दिनों की रिमांड दी गई है।

कलेक्टर न्यायालय ने सभी रजिस्ट्री कर दी है शून्य

कलेक्टर न्यायालय ने सभी रजिस्ट्री कर दी है शून्य

अधिकारियों पर भी दर्ज है FIR

मामले में बंसू पिता भुटकुल सहित तात्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआई नारायण सिंह और राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध भी दर्ज किया गया है। अधिकारी और तीनों कर्मचारी फरार हैं।

जिला न्यायालय के लिए आबंटित हुई जमीन

जिला न्यायालय के लिए आबंटित हुई जमीन

सभी रजिस्ट्री कर दी गई है शून्य

मामले में कलेक्टर न्यायालय ने 28 मार्च को फैसला सुनाया था। कलेक्टर भोस्कर विलास ने बंसू प्रति छत्तीसगढ़ शासन मामले में प्रावधानों और संहिता के विपरीत पाए जाने से निरस्त किया जाता है एवं नमनाकला स्थित भूमि 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि को पूर्ववत शासकीय मद में दर्ज किए जाने का आदेश जारी किया था।

बंसू द्वारा अनावेदक सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को उक्त जमीन बिक्री की थी। इन सभी को बिक्री की गई शासकीय भूमि भी निरस्त कर दी गई है।

4.22 एकड़ जमीन पर बनेगा सिविल कोर्ट

जिला स्तरीय समिति (अधोसंरचना) की बैठक 30 मार्च को हुई, जिसमें जिला और सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर द्वारा अंबिकापुर में जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण एवं जिला मुख्यालय अंबिकापुर के न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास गृह निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने की मांग की गई थी।

मांग के अनुसार राजमोहिनी भवन के पीछे स्थित शासकीय नजूल भूमि रकबा 4.22 एकड़ भूमि को जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु अग्रिम आधिपत्य प्रदान किया गया है। यह घोटाले से जुड़ी जमीन है। वहीं नमना में ही 4.11 एकड़ भूमि को जिला मुख्यालय अंबिकापुर के न्यायायिक अधिकारियों के आवास हेतु दिया गया है।

Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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