Monday, May 20, 2024
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छत्तीसगढ़ : BEd डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त, हाईकोर्ट का आदेश- 6 सप्ताह में रिवाइज्ड लिस्ट जारी करे शासन; DLEd उम्मीदवारों को दें मौका

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में B.Ed डिग्री-धारी टीचर भर्ती उम्मीदवारों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में B.Ed उम्मीदवारों की नियुक्ति निरस्त कर दी है। साथ ही राज्य सरकार को 6 सप्ताह में पुनरीक्षित (रिवाइज्ड) चयन सूची जारी कर DLEd पास उम्मीदवारों को मौका देने का आदेश दिया है।

इस आदेश के बाद अब असिस्टेंट टीचर की भर्ती में BEd पास उम्मीदवारों की दावेदारी खत्म हो गई है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई है। इस केस में बेंच ने 29 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था। इस पर अब सोमवार को फैसला आया है।

DLEd प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने दाखिल की थी याचिका

दरअसल, DLEd प्रशिक्षित अभ्यर्थी विकास सिंह, युवराज सिंह सहित अन्य ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की। इसमें बताया था कि 4 मई 2023 को सहायक शिक्षकों के तकरीबन 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें BEd और DLEd प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

BEd उच्चतर कक्षाओं में पढ़ाने के लिए

याचिका में बताया गया है कि प्राइमरी स्कूल में अध्यापन के लिए DLEd पाठ्यक्रम में विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। जबकि BEd पाठ्यक्रम में उच्चतर कक्षाओं में पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने नियमों में संशोधन कर दिया।

इसके अनुसार, सहायक शिक्षक की भर्ती में स्नातक और BEd या DLEd को अनिवार्य योग्यता के रूप में शामिल किया गया है। जबकि, BEd प्रशिक्षितों को भर्ती में शामिल करना अवैधानिक है। BEd ट्रेनिंग धारकों को प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है।

हाईकोर्ट ने भर्ती के लिए काउंसिलिंग पर लगाई थी रोक

याचिकाकर्ताओं ने सहायक शिक्षक की अनिवार्य योग्यता से BEd को अवैधानिक घोषित कर इसे हटाने की मांग की। साथ ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए कहा था। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने BEd अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही राज्य शासन से जवाब मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बनाया आधार

याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन ने उल्लंघन किया है। राज्य शासन ने अपने ही बनाए मापदंड का भर्ती प्रक्रिया में पालन नहीं किया। प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए DLEd पाठ्यक्रम में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।

वहीं हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए BEd प्रशिक्षार्थियों को विशेषतौर पर ट्रेनिंग दी जाती है। इस आधार पर कक्षा पहली से 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाने वाले सहायक शिक्षक के लिए DLEd अभ्यर्थी ही पात्र होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षकों की भर्ती पर यही आदेश जारी किया है।

ज्वाइन कर चुके BEd सहायक टीचर की भी नियुक्तियां निरस्त

याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने बताया कि हाईकोर्ट ने फैसले में BEd पास उम्मीदवारों की दावेदारी खत्म कर दी है। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के लिए केवल DLEd पास उम्मीदवार ही मान्य होंगे।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि BEd पास असिस्टेंट टीचर जिनकी ज्वाइनिंग हो चुकी है, उनकी नियुक्ति राज्य सरकार निरस्त करे। साथ ही 6 सप्ताह के भीतर DLEd पास उम्मीदवारों की ही नियुक्ति करे। इसके लिए पुनरीक्षित चयन सूची बनाने के लिए कहा है।

Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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