बालोद: जिला उप जेल में बंद कैदी लोकेश सिन्हा की मंगलवार देर रात करीब 12 बजे मौत हो गई है। परिजनों ने आबकारी विभाग पर मारपीट का आरोप लगाते हुए देवरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, जेलर का कहना है कि नशा नहीं मिलने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी।
बताया जा रहा है कि, लोकेश को 25 मई को महुआ शराब बेचते पकड़ा गया था। जिसे आबकारी विभाग ने पुलिस को सौंप दिया था। जेल भेजने के बाद उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसे अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
कैदी से ना मिलने देने का आरोप
लोकेश के परिजनों ने बताया कि, यहां पर हमें कैदी से नहीं मिलने दिया गया। हमारा भाई कैसा है, किस स्थिति में है। जेल प्रबंधन ने इन सब से हमें दूर रखा। पता नहीं किस के कारण उसकी मौत हुई है। लेकिन आबकारी वाले उसे पीटते हुए ले गए थे। जेल में क्या स्थिति रही, यह हमें जानकारी मिली है।
परिजन आए, तो अस्पताल में था
वहीं, बालोद उप जेल की जेलर शोभा रानी का कहना है कि, जब बालोद उप जेल कीबंदी आराम कर रहा था या फिर अस्पताल में था। जिसके कारण उन्हें अस्पताल जाने कहा गया। उन्होंने कहा कि, उप जेल में कैदी लोकेश का व्यवहार बदलने लगा था, वो अकेले रहने लगा और बेचैन रहता था।
नशा नहीं मिलने पर बिगड़ी तबीयत- जेलर
जिसके बाद हमें आशंका हुई कि, नशा नहीं मिलने के कारण उसके लक्षण नजर आने लगे। जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां 5 घंटे लगभग उसे अंदर निगरानी में रखा गया। फिर स्थिति सामान्य होने के बाद उसे वापस जेल लाया गया। अगले दिन फिर उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मजिस्ट्रेट के सामने पीएम
मामला संवेदनशील होने की वजह से मजिस्ट्रेट के सामने कैदी का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। हालांकि थाने में मारपीट संबंधित शिकायत आबकारी विभाग के खिलाफ उसके परिजनों ने दर्ज कराई है। परिजनों की माने तो पांच लोग गिरफ्तार करने आए थे। उसे पीटते-पीटते ले गए। जिसमें दो खाकी वर्दी में थे और तीन सिविल कपड़े में थे।
(Bureau Chief, Korba)