Tuesday, May 21, 2024
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Chhattisgarh: उन्नत तकनीक से साग-सब्जी की खेती से किसान महेन्द्र ने परिवार को बनाया खुशहाल…

  • ड्रिप सिंचाई पद्धति से पानी का कर रहे हैं समुचित उपयोग

कोण्डागांव: शासन की जनहितकारी योजनाओं से लाभान्वित होकर उन्नत तकनीक से साग-सब्जी का भरपूर उत्पादन को बढ़ावा देना बड़ेकनेरा निवासी किसान महेन्द्र पांडे के लिए लाभकारी साबित हुआ है। ड्रिप सिंचाई पद्धति से पानी का समुचित उपयोग कर महेन्द्र पांडे साग-सब्जी के उत्पादन को नई दिशा दे चुके हैं। अभी हाल ही में सहकारी बैंक में आये किसान महेन्द्र पांडे ने बताया कि उनके पैतृक 4 एकड़ कृषि भूमि में करीब 10 साल पहले स्थापित टयूबेवल से परम्परागत तरीके अपनाकार 2 एकड़ में साग-सब्जी की खेती सहित मक्का की पैदावार ले रहे थे। जिससे हर साल किसी तरह एक लाख रूपए की आमदनी अर्जित होती थी। लेकिन उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले की सलाह पर 2 वर्ष पहले अपने 3 एकड़ रकबे के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति अपनाया, तो उन्नत खेती-किसानी को एक नई दिशा मिल चुकी है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली के लिए कृषक अंशदान की राशि जमा करने के पश्चात पूरी सहायता उद्यानिकी विभाग द्वारा दी गयी। जिससे अब उन्नत तकनीक से साग-सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देकर पानी का समुचित दोहन कर रहा हूं। उन्होने बताया कि घर की एक एकड़ बाड़ी में साल भर साग-सब्जी उत्पादन करते हैं। वहीं 3 एकड़ कृषि भूमि पर खरीफ में हाईब्रिड धान सहित बम्लेश्वरी एवं एचएमटी जैसी धान की पैदावार लेने के पश्चात इसी कृषि भूमि पर सब्जी की खेती करते हैं। हर वर्ष करीब 40 से 50 क्विंटल धान का विक्रय समर्थन मूल्य पर करते हैं। वहीं उत्पादित साग-सब्जी का विक्रय स्थानीय बड़ेकनेरा, दहीकोंगा साप्ताहिक बाजार सहित कोण्डागांव नगर में कर रहे हैं। जिससे हर साल 3 से 4 लाख रूपए की आमदनी अर्जित होती है। इस वर्ष 40 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर विक्रय करने की बात कहते महेन्द्र ने बताया कि अभी टमाटर, बरबट्टी एवं बैंगन का उत्पादन हुआ है। वहीं गर्मी में इस साल मक्का की पैदावार लेने की सोच रहे हैं जिससे पानी का भी समुचित उपयोग हो सकेगा। अपने खेती-किसानी से 5 सदस्यीय परिवार का बेहतर भरण-पोषण और जरूरतों को पूरी करने की जानकारी देते महेन्द्र बताते हैं कि अब बच्चों के शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होने शासन की योजना की सहायता देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रशंसा की।  

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