छत्तीसगढ़: दुर्ग कलेक्ट्रेट में मंगलवार को एक किसान ट्रैक्टर में 64 क्विंटल धान लेकर पहुंचा और उसे गेट के सामने ही रख दिया। किसान का आरोप है कि उसके ऊपर 95 हजार रुपए का कर्ज है। धान बेचने का टोकन कटने के बाद भी एसडीएम ने उस पर रोक लगा दी है। अंत में वह सारा धान लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा है। किसान का कहना है कि एसडीएम ही बताएं कि मैं इस धान का क्या और और कर्ज कैसे पटाऊं। वहीं एसडीएम विनय पोयाम का कहना कि उनका जमीनी विवाद उनके न्यायालय में चल रहा है। जैसे ही वह निपट जाएगा किसान अपना धान बेच सकता है।
दुर्ग जिले के उतई गांव निवासी बालाराम मंगवार दोपहर ट्रैक्टर में धान की बोरी लादकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। इससे पहले कि वहां के सुरक्षा अधिकारी और अधिकारी कुछ समझ पाते किसान ने ट्रैक्टर कलेक्ट्रेट के गेट पर खड़ा कर दया। इसके बाद उसने धान से भरी सारी बोरियों को वहीं जमीन पर रख दिया। किसान का इस तरह का विरोध देखकर वहां हड़कंप मच गया। तुरंत मौके पर पुलिस पहुंची और अधिकारियों ने ऐसा करने का कारण पूछा।
किसान ने कहा कि उसने अपनी जमीन पर खेती की। कर्ज लेकर खेत में खाद, बीज और रोपा देकर धान उगाया। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा अनुरूप धान बेचने के लिए सोसाइटी से टोकन भी कटाया। उसके बाद भी जिला प्रशासन ने उसे धान बेचने से मना कर दिया। किसान का कहना है कि उसके ऊपर कर्जदार चढ़ रहे हैं, उसे धान बेचने नहीं दिया जा रहा। इसलिए वह सारा धान कलेक्ट्रेट लेकर आ गया है। कलेक्टर ही बताएं कि वह धान कहां बेचे और अपना कर्ज कैसे उतारे।
एसडीएम ने बताई किसान की गलती
दुर्ग एसडीएम विनय पोयम का कहना है कि किसान बालाराम साहू जिस जमीन पर वह धान उगाता है उस जमीन पर पारिवारिक विवाद है। जमीन का आपसी भाईचारा और बंटवारा नहीं होने पर उसके भाई और भतीजे ने सोसाइटी और उनके यहां शिकायत की है। उनका यहां केस भी चल रहा है। उन्हें पेशी की तारीख भी दी जाती है तो बयान के लिए सभी एक साथ नहीं आते। पेशी में कभी बालाराम नहीं आता तो कभी उसके भाई। इसके कारण अब तक मामले का निराकरण नहीं हो पाया है। यह विवाद पिछले 3 सालों से चल रहा है। आज भी उनकी पेशी है, यदि सभी पक्षकार आ जाते हैं तो उनका विवाद सुलझा लिया जाएगा।