लंदन: भारत छोड़कर भागे कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन में भी झटका लगा है। मंगलवार को वे ब्रिटेन में अपने लग्जरी अपार्टमेंट पर कब्जा बरकरार रखने की कानूनी लड़ाई हार गए। ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने स्विस बैंक यूबीएस से लंबे समय से चल रहे विवाद में उन्हें स्टे देने से इनकार कर दिया।
कर्ज चुकाने के लिए और वक्त नहीं मिलेगा
मंगलवार को वर्चुअल सुनवाई में फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट के डिप्टी मास्टर मैथ्यू मार्श ने कहा कि यूबीएस का 206 करोड़ रुपए (20.4 मिलियन जीबीपी) का कर्ज चुकाने के लिए और वक्त देने के लिए कोई आधार नहीं है। लंदन के रीजेंट पार्क में 18/19 कॉर्नवॉल टेरेस स्थित लग्जरी अपार्टमेंट में माल्या की 95 वर्षीय मां ललिता रहती हैं। इसके मालिकों में विजय माल्या, उनके बेटे सिद्धार्थ माल्या और मां ललिता का नाम है।
लग्जरी अपार्टमेंट बेचकर कर्ज वसूली करेगा UBS
मई 2019 में जज सिमोन बार्कर ने माल्या को 30 अप्रैल 2021 तक लोन चुकाने का समय देते हुए फ्लैट पर कब्जा बरकरार रखने का आदेश दिया था। लेकिन माल्या इस तारीख तक कर्ज चुकाने में असमर्थ रहे। इस बीच यूबीएस हाई कोर्ट पहुंचा था। अब यूबीएस कर्ज वसूल करने के लिए इस लग्जरी अपार्टमेंट को बेच सकता है।
विजय माल्या ब्रिटेन में अपने लग्जरी अपार्टमेंट पर कब्जा बरकरार रखने की कानूनी लड़ाई हार गए
26 मार्च 2017 तक चुकाना था लोन
यह केस माल्या की एक कंपनी रोस कैपिटल वेंचर्स के लिए गए कर्ज से जुड़ा हुआ है। विजय माल्या ने ये कर्ज 5 साल के लिए 2012 में लिया था। लोन एक्सपायरी की तारीख 26 मार्च 2017 थी। लेकिन विजय माल्या उस तारीख तक पेमेंट नहीं कर पाया। पिछले साल अक्टूबर में, बैंक को माल्या के खिलाफ रिट ऑफ परमिशन जारी करने की अनुमति मिली थी।
2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन भागे माल्या
विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। वह 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। इसके बाद से भारत सरकार ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण कराने की कोशिश कर रही है। भारत में माल्या की कई संपत्तियां भी जब्त हो चुकी हैं। अब माल्या के हाथ से लंदन का घर भी निकल गया है।