रायपुर: छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक बार फिर मानवता शर्मसार हो गई। एक नवजात को कोई बरसते पानी में सड़क किनारे फेंक गया। रात भर बारिश और ठंड में पड़े रहने के कारण नवजात की मौत हो गई। अगले दिन जब खेत जा रही महिलाओं ने शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और DNA सैंपल जांच के लिए भेजा है। मामला भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, भानुप्रतापपुर और दल्ली राजहरा के बीच ग्राम पंचायत साल्हे के आश्रित ग्राम टेकातोड़ा से लगे स्टेट हाईवे पर नवजात का शव एक कपड़े के थैले में मिला है। बुधवार को जब महिलाएं खेत जाने लगीं तो झोला देखकर रुक गईं। उन्होंने कपड़ा हटाकर देखा तो अंदर बच्चे का शव था। पुलिस पहुंची, लेकिन आसपास ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे बच्चे की पहचान हो सके।
पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम कराया और अंतिम संस्कार कर दिया।
साड़ी से लपेट कर झोले में रखा गया था नवजात
शव देखने वाली महिलाओं ने पुलिस को बताया कि मंगलवार रात भी उन्होंने झोला पड़ा देखा था, लेकिन तब ध्यान नहीं दिया। अगले दिन दोबारा देखा तो संदेह वश उसे देखने के लिए चले गए। इसके बाद बच्चे के शव का पता चला। बच्चे को साड़ी से लपेटकर झोले में रखा गया था। साथ ही कुछ अपशिष्ट भी पड़े हुए थे। पुलिस अब मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से जानकारी जुटा रही है।
जिले में मिले नवजात शिशु के मामले
- 2017 : अंतागढ़ के एक गांव में नवजात को दफना दिया गया था।
- 2017 : चारामा के जैसाकर्रा के पास झाड़ियों में नवजात शिशु रोते हुए मिला।
- 2018 : भानुप्रतापपुर के दत्तक ग्रहण केंद्र के झूले में मिला नवाजात।
- 2019 : कांकेर के दत्तक ग्रहण केंद्र के झूले में मिला नवाजात।
- 2019 : कांकेर डंवरखार में गोबर के गढ्डे में मिला नवजात। एक माह बाद हुई उसकी मौत।
- 2021 : कोरर के डुमरकोट में झाड़ियों में मिला नवजात।
जिले में 48 स्थान पर पालना केंद्र, लेकिन जानकारी नहीं
पालना केंद्र की जानकारी के अभाव में लोकलाज के भय के कारण लोग नवजात को इस तरह लावारिस हालत में मरने छोड़ रहे हैं। जबकि जिले में प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, सखी वन स्टाप सेंटर, जिला बाल इकाई, स्वधार समेत 48 स्थानों पर शिशु पालना केंद्र संचालित है। जहां शिशु को देने पर उनका नाम गोपनीय रखा जाता है। इससे शिशु की जान भी बच सकती है।