Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में खनिज विभाग ने पहली बार बड़ी कार्रवाई करते हुए नियमों का उल्लंघन कर कोयले की अफरातफरी करने वाले 9 कोल डिपो का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही 24 डिपो संचालकों के साथ ही कोलवाशरी संचालकों पर 6.43 करोड़ रुपए बतौर जुर्माना राशि वसूली की है। इस कार्रवाई में 66 डिपो संचालकों और कोल वाशरी संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। दरअसल, खनिज अधिनियम के तहत डिपो में कोयले की अफरातफरी रोकने के लिए सख्त नियम बनाए हैं। लेकिन, डिपो संचालक नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
दरअसल, SECL के कोयला खदानों से प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों के औद्योगिक कंपनियों को सब्सिडी में कोयले की आपूर्ति की जाती है। SECL ने तय किया है कि औद्योगिक कंपनियों को कोयले की रॉयल्टी एवं अन्य टैक्स जमा करने के बाद 45 दिन के भीतर खदानों से कोयला उठाना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर संबंधित कंपनियों से जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है।
खनिज अधिनियम में डिपो में कोयला भंडारण करने की है छूट
इस नियम के कारण कंपनियों को कोयला उठाने में दिक्कतें होती थी, जिसके कारण राज्य शासन ने उनकी समस्याओं कके समाधान के लिए खनिज भण्डारण नियमों में कोयला भंडारण करने के लिए प्रावधान तय किया है। इसके तहत कोल डिपो को लाइसेंस देकर कोयला भंडारण करने की अनुमति दी जाती है। ताकि, संबंधित कंपनियां इन डिपो के माध्यम से कोयले का परिवहन कर सके।
हर डिपो में कोयले भंडारण की जानकारी रखना है जरूरी
खनिज अधिनियम के तहत दिए गए लाइसेंस की शर्तों के अनुसार कोल डिपो में खदान से आने वाले कोयले और परिवहन की पूरी जानकारी रखना जरूरी है। इसके लिए कोल डिपो संचालक को रजिस्टर मेटेंन करना है और हर महीने खनिज विभाग को इसकी जानकारी देनी है। इसके लिए खनिज विभाग ने अपना पोर्टल भी बनाया है।
कोल डिपो में अनियमितता पाए जाने पर लाइसेंस किया निरस्त।
विभाग को नहीं देते जानकारी, डिपो में करते हैं कोयले की अफरातफरी
दरअसल, लाइसेंसधारी कोल डिपो संचालक खदान से कोयला लाकर भंडारण करने के बाद अफरातफरी करने का खेल भी करते हैं, जिसके कारण हर महीने कंपनी को सही जानकारी नहीं देते। कोयले में मिलावट करने की वजह से उनके डिपो में सही जानकारी भी नहीं रहती, जिसके कारण उनकी मनमानी चलती है और विभाग के अफसर भी उनके इस अवैध गतिविधियों को नजरअंदाज करते हैं।
कोलवाशरी में भी मिली गड़बड़ी, 6.43 करोड़ रुपए की वसूली
अफसरों ने बताया कि 11 कोल वाशरियों को कोयला भंडारण करने के लिए लाइसेंस दिया गया है, जो समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे थे। उनके यहां अनियमितता पाए जाने पर विभाग ने इनसे 5 करोड़ 90 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया है। इसी तरह 15 लाइसेंसधारी डिपो संचालकों की अनियमितता पर 53 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया है। विभाग ने अब तक कोयला कारोबारियों से 6 करोड़ 43 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया है।
इनका लाइसेंस किया निरस्त
कोल डिपो संचालकों को नोटिस जारी करने के बाद विभाग को पता चला कि लाइसेंसधारी डिपो संचालक बिना जानकारी के लंबे समय डिपो का संचालन बंद कर दिया था। उनके डिपो में तौल कांटा नहीं लगा था और न ही ऑनलाइन एंट्री की जा रही थी। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए खनिज विभाग ने वाची सेल्स-अमसेना, मे.छत्तीसगढ़ पावर एण्ड कोल बेनिफिकेशन लि. लोखंडी, आकाश ट्रेडर्स-धौराभाठा, जगदीश लक्ष्मी साहू-चंगोरी, लक्ष्मी ऐसोसियेट-हरदी, राहुल इंटरप्राइजेस-हरदी, श्री खाटू कोल सेल्स-अमसेना, मे. शुभम कोल ट्रेडर्स-भोजपुरी समेत 9 कोयला भंडारण लाइसेंस निरस्त कर दिया है।