Wednesday, May 1, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाChhattisgarh News: मन की बात, 109वा संस्करण: प्रधानमंत्री मोदी ने की छत्तीसगढ़...

Chhattisgarh News: मन की बात, 109वा संस्करण: प्रधानमंत्री मोदी ने की छत्तीसगढ़ के आकाशवाणी कार्यक्रम की तारीफ, बोले- दूसरे राज्य भी ले सकते हैं ‘हमर हाथी-हमर गोठ’ का फायदा

सरगुजा/रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 109वें संस्करण में छत्तीसगढ़ के आकाशवाणी केंद्रों के ‘हमर हाथी, हमर गोठ’ कार्यक्रम की तारीफ की। इस कार्यक्रम में हाथियों की वर्तमान लोकेशन, उनकी संख्या और संभावित विचरण क्षेत्र की जानकारी देकर लोगों को सतर्क किया जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे राज्य भी इसका फायदा ले सकते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक युग में भी रेडियो पूरे देश को जोड़ने का एक सशक्त जरिया है। रेडियो कितना बदलाव ला सकता है, इसकी एक अनूठी मिसाल छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है। बीते करीब सात सालों से आकाशवाणी केंद्र अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ से एक लोकप्रिय कार्यक्रम ‘हमर हाथी, हमर गोठ’ का प्रसारण हो रहा है।

हर शाम आकाशवाणी से प्रसारित होता है 'हमर हाथी, हमर गोठ' कार्यक्रम।

हर शाम आकाशवाणी से प्रसारित होता है ‘हमर हाथी, हमर गोठ’ कार्यक्रम।

हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोग सुनते हैं कार्यक्रम

मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के हाथी प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग इस कार्यक्रम को ध्यान से सुनते हैं। इसके जरिए ग्रामीणों को हाथियों के झुंड की लाइव लोकेशन की जानकारी मिलती है। हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को पता चलता है कि हाथियों का झुंड किस रास्ते से गुजर रहा है। यह जानकारी लोगों के बहुत काम आती है। रेडियो से जानकारी मिलते ही लोग सतर्क हो जाते हैं।

कार्यक्रम में बताई जाती है हाथियों की लाइव लोकेशन।

कार्यक्रम में बताई जाती है हाथियों की लाइव लोकेशन।

हाथियों के संरक्षण में भी मिलेगी मदद

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाथियों के विचरण की जानकारी मिलने पर हाथियों से होने वाले नुकसान की संभावना कम हो रही है। हाथियों के बारे में डेटा जुटाने में मदद मिल रही है। जिससे हाथियों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ की इस अनूठी पहल का लाभ देश के दूसरे हाथी प्रभावित राज्यों को भी मिलेगा।

आकाशवाणी अंबिकापुर ने शुरू किया था कार्यक्रम।

आकाशवाणी अंबिकापुर ने शुरू किया था कार्यक्रम।

अंबिकापुर आकाशवाणी ने शुरू किया था कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ का उत्तर क्षेत्र हाथियों से प्रभावित रहा है। यहां झारखंड और ओडिशा से प्रवेश करने वाले हाथियों के कारण लोगों की लगातार जान जा रही थी और नुकसान भी हो रहा था। इसलिए लोगों तक हाथी की जानकारी पहुंचाने के मकसद से आकाशवाणी अंबिकापुर ने ‘हमर हाथी, हमर गोठ’ कार्यक्रम का प्रसारण शुरू किया।

ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी रेडियो काफी लोकप्रिय है। लिहाजा, इस कार्यक्रम का व्यापक लाभ मिलने लगा। जिसके बाद इसका प्रसारण रायपुर, बिलासपुर और रायगढ़ के आकाशवाणी केंद्रों से भी शुरू कर दिया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular