बिलासपुर: एक्सप्रेस ट्रेनों की पेंट्रीकार में दूसरी ब्रांड की पानी बोतल बेची जा रही है। इसका खुलासा रविवार को योगनगरी ऋषिकेश से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस में छापेमारी के दौरान हुआ। रेलवे की टीम ने ट्रेन से नौ कैरेट दूसरी ब्रांड का पानी जब्त किया है। टीम की जांच के दौरान पेंट्रीकार के भोजन में रेस्ट लिस्ट भी तय नहीं था। लिहाजा, टीम ने सुपरवाइजर को कड़ी फटकार लगाई। पेंट्रीकार में रेलनीर के साथ दूसरी ब्रांड की इन पानी बोतलों को कर्मचारी छिपाकर कर रखा था। टीम ने कर्मचारी को पकड़कर आरपीएफ के हवाले कर दिया है।
दरअसल, ट्रेन हो या रेलवे स्टेशन, सभी जगह रेलनीर की पानी बेचना है। दूसरे ब्रांड का पानी बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। रेलवे स्टेशन व पेंट्रीकार में कर्मचारी चोरी छिपे प्रतिबंधित पानी बोतल की बिक्री कर रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए रेलवे की टीम लगातार रेलवे स्टेशन व ट्रेनों की जांच कर रही है। इसके बावजूद कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं।
रविवार को उत्कल एक्सप्रेस की जांच में इसी तरह की लापरवाही सामने आई। रेलवे व आरपीएफ की टीम ने जब औचक जांच की तो उन्हें पेंट्रीकार के एक किनारे में रेलनीर की बोतलें नजर आईं। टीम यही समझ रही थी कि सभी बोतलें रेलनीर की है। लेकिन, जैसे ही ऊपर के कैरेट को हटाकर देखा गया तो जांच टीम भी हैरान रह गई। नीचे दूसरे ब्रांड का पानी था। इस पर जांच टीम ने पहले तो पेंट्रीकार सुपरवाइजर को जमकर फटकार लगाई। उसके बाद नौ कैरेट पानी बोतल को जब्त कर लिया गया। इसके साथ ही पेंट्रीकार के एक कर्मचारी को भी उतारा गया। उसके खिलाफ अपराध दर्ज कर आरपीएफ पोस्ट के हवाले कर दिया गया है।
कर्मचारियों को मिलता है ज्यादा कमीशन
दरअसल पेंट्रीकार के कर्मचारी इस तरह की मनमानी इसलिए करते हैं। क्योंकि रेलनीर से ज्यादा दूसरी ब्रांड की पानी बेचने में फायदा है। उन्हें दूसरी ब्रांड की पानी बेचने में ज्यादा कमीशन मिलता है। यही वजह है कि कर्मचारी चोरी छिपे दूसरी ब्रांड की पानी बेच रहे हैं।
जांच रिपोर्ट भेजी सीनियर डीसीएम को, जुर्माना होना तय
टीम ने जांच रिपोर्ट बनाकर सीनियर डीसीएम को दिया है। वह इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करेंगे। जुर्माना भी होना तय है। मालूम हो कि यह ट्रेन ईस्ट कोस्ट रेलवे की है। वर्तमान में पेंट्रीकार का ठेका रूप कैटरर्स के पास है।
खाना के पैकेट में रेट लिस्ट नहीं
जांच के दौरान एक लापरवाही यह भी सामने आई कि एक भी खाना पैकेट में रेट लिस्ट नहीं थी। नियमानुसार रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य है, ताकि यात्रियों को निर्धारित कीमत पर खाना पैकेट बेचा जा सके। उनसे किसी तरह ओवरचार्जिंग न हो। रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है।
(Bureau Chief, Korba)