नारायणपुर: जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा में शनिवार शाम 9वीं के एक छात्र और 12वीं के छात्र के बीच मामूली बात पर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्र की लाठी डंडे से बुरी तरह पिटाई कर दी। उस समय हॉस्टल में न तो अधीक्षक मौजूद थे और न ही चपरासी। हॉस्टल को छोड़ सभी जिम्मेदार नदारद थे।
जख्मी होने के बाद छात्र ने किसी से फोन मांगकर अपने परिजनों को इस मामले की जानकारी दी। परिजनों ने भी मामूली विवाद समझ कर अनदेखा कर दिया। इसके बाद छात्र ने अपने सूजे हुए चेहरे और हाथ-पैर में लगे चोटों की फोटो खींचकर अपने परिजनों को भेजा। फोटो देखने के बाद पीड़ित छात्र के परिजन आनन-फानन में छेरीबेड़ा हॉस्टल पहुंचे।
क्रिकेट स्टंप छुपाने को लेकर हुआ विवाद
पीड़ित छात्र का नाम विशाल है। वह एकलव्य आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा का 9वीं कक्षा का छात्र है। विशाल ने बताया कि क्लास के अन्य छात्र के कहने पर उसने कंप्यूटर रूम में क्रिकेट का स्टंप छुपा दिया था। इसके बाद सीनियर छात्र क्रिकेट स्टंप को खोज रहे थे, तो किसी ने विशाल द्वारा छुपाए जाने की बात बता दी।
छात्र को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया
ध्यान नहीं देने की कही बात तो सीनियर छात्रों ने मारा
इसके बाद सीनियर छात्र स्कूल के प्रार्थना के समय विशाल को कई बार आवाज लगाई थी। इसे लेकर सीनियर छात्र ने विशाल को कहा कि बार-बार आवाज दे रहे हैं, सुन क्यों नहीं रहे हो, तो विशाल ने कहा कि वो ध्यान नहीं देने पाया। इसे लेकर सीनियर छात्रों ने उस मारने लगे।
सीनियर ने उसके कमर, सिर और पैर पर डंडे से मारा। इसमें उसकी आंख के नीचे सूजन आ गई। विशाल ने बताया कि जिस समय सीनियर छात्र उसकी पिटाई कर रहे थे, उस समय हॉस्टल में कोई टीचर या वार्डन मौजूद नहीं थे।
पीड़ित छात्र के पैर में डंडे से मारा
छात्रावास में कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं था
पीड़ित छात्र के परिजन का आरोप है कि घटना शाम 6.30 का है। वे रात 9.30 बजे छात्रावास पहुंचे, तो वहां कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं था। न ही उनके बेटे को प्राथमिक उपचार दिया गया था। इसके बाद हॉस्टल से अपने बेटे को लेकर वह बेनूर थाना पहुंचे और प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करने के लिए आवेदन दिया। इसके बाद रात 11.20 बजे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।
जवाबदार अफसर नहीं दे रहे जवाब
पूरे मामले पर जवाबदार अफसर सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास शाखा बद्रीश सुखदेव से जानकारी लेने कार्यालय जाने पर अक्सर उनके फील्ड में होने की बात कही जाती है। पिछले कई महीनों से कुछ मामलों पर फोन करने पर उनके द्वारा रिसीव नहीं किया जाता है।
(Bureau Chief, Korba)