RAIPUR: रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के बाहर सोमवार को एक टैक्सी ड्राइवर की तबीयत अचानक खराब हो गई। आनन-फानन में वहां मौजूद टैक्सी ड्राइवर्स उसे लेकर माना के सिविल अस्पताल पहुंचे, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से उसने दम तोड़ दिया।
ड्राइवर की मौत के बाद टैक्सी ड्राइवर्स ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। लापरवाही से मौत के लिए उन्होंने मृतक के परिजन को उचित मुआवजा देने की मांग की।
ड्राइवर को माना सिविल अस्पताल लाया गया था।
पैसेंजर लेने सरायपाली से पहुंचा था ड्राइवर
जानकारी के मुताबिक, सोमवार दोपहर करीब 3.30 बजे सरायपाली से ड्राइवर उमा शंकर पटेल रायपुर पहुंचा था। एयरपोर्ट के बाहर वह पैसेंजर का इंतजार कर रहा था, तभी अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। एंबुलेंस नहीं मिलने पर टैक्सी यूनियन के लोगों ने उमाशंकर को माना के सिविल अस्पताल पहुंचाया।
माना सिविल अस्पताल में ड्राइवर उमाशंकर का शव।
20 मिनट अस्पताल के बाहर रहा पेशेंट
टैक्सी ड्राइवरों ने बताया कि जब इलाज के लिए उमाशंकर को अस्पताल लाया गया, तब माना सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे। 20 मिनट से ज्यादा समय तक उसे हमने कार में ही बाहर रखा, लेकिन कोई भी उसे अंदर ले जाने के लिए नहीं आया। बाद में डॉक्टर आए और जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। अगर सही समय पर इलाज मिल जाता, तो उमाशंकर की जान बचाई जा सकती थी।
डॉक्टर ने दी सफाई
माना सिविल अस्पताल के डॉक्टर आशीष मेश्राम का कहना है कि जांच के समय ड्राइवर का शरीर ठंडा था, उसकी मौत करीब आधे घंटे पहले हुई होगी। मैं ऑफिशियल काम से बाहर गया था, सिस्टर से जानकारी मिलते ही वापस आया। वहीं अस्पताल में मौजूद नर्स का कहना है कि जब पेशेंट को लाया गया, तो हम उसे फौरन देखने के लिए बाहर गए थे। इसमें कहीं कोई लापरवाही नहीं हुई है।
(Bureau Chief, Korba)