BILASPUR: बिलासपुर में करोड़ों रुपए की जमीन हड़पने के खेल में अतिरिक्त तहसीलदार ने बड़ा कारनामा कर दिया। पहले तो उन्होंने भू-माफिया के झूठे व कूटरचित दस्तावेजों पर जीवित महिला को मृत मानकर उनके नाम की जमीन को दूसरे व्यक्ति के नाम कर दिया। यही नहीं उन्होंने जीवित महिला के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वाद भूमि के वास्तविक भूमि स्वामी के हक संबंध दस्तावेज एवं साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। पीड़ित महिला ने कलेक्टर व एसडीएम से शिकायत कर दोषी अफसर व कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
दरअसल, बिरकोना की रहने वाली 70 वर्षीय मंगतीन बाई के नाम पर खसरा नंबर 470 की जमीन है, जिसके राजस्व रिकार्ड में भूलवश उसके पति का नाम छूट गया है। राजस्व रिकार्ड दुरूस्त कराने के लिए महिला 10 माह से तहसीलदार कार्यालय का चक्कर काटती रही। लेकिन, उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
इसी दौरान अचानक रामायणलाल सूर्यवंशी ने यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराया कि मंगतीन बाई का वह रिश्तेदार है, जिसकी मौत हो चुकी है। उसने किसी दूसरी मंगतीन बाई का मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ एग्रीमेंट भी प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया है कि मंगतीन बाई का कोई संतान नहीं है। इसलिए उसने अपनी जमीन को अपने रिश्तेदार रामायण लाल सूर्यवंशी के हक में दी है।
अतिरिक्त तहसीलदार ने महिला का नाम काटकर दूसरे के नाम पर जारी कर दिया बी-वन खसरा।
खास बात यह है कि पटवारी और राजस्व अधिकारियों ने कूटरचित इन दस्तावेजों को सही मान लिया और 4 दिसंबर 2023 को राजस्व रिकार्ड से मंगतीन बाई का नाम काटकर रामायणलाल सूर्यवंशी के नाम पर चढ़ा दिया गया। साथ ही उसके नाम पर बी-वन खसरा भी जारी कर दिया। वहीं, जीवित मंगतीन बाई के दस्तावेजों पर कहा कि कहा वाद भूमि के वास्तविक भूमि स्वामी के हक संबंध दस्तावेज एवं साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
दो माह के भीतर बदल दिया आदेश, मंगतीन बाई का जोड़ दिया नाम
जब मंगतीन बाई अपने जीवित होने का प्रमाण लेकर शिकायत करने कलेक्टर और एसडीएम के पास पहुंची। इससे पहले ही महज दो माह के भीतर अतिरिक्त तहसीलदार ने 4 दिसंबर 2023 को जारी आदेश को 23 जनवरी 2024 को यथावत करते हुए दोबारा मंगतीन बाई के नाम पर बी-वन खसरा जारी करते हुए राजस्व रिकार्ड दुरुस्त कर दिया। अब महिला ने इस मामले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
दो माह के भीतर ही अतिरिक्त तहसीलदार ने दोबारा महिला का नाम जोड़ दिया।
राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी व कूटरचना
बिलासपुर में राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करने के नाम पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी के साथ मिलीभगत कर कूटरचना करने का यह खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा चुके हैं, जिसकी जांच चल रही है। दरअसल, राजस्व विभाग में भू माफियाओं का एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जो इस तरह फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पने का खेल कर रहे हैं। यही नहीं सरकारी व गरीबों के जमीनों पर इन भू माफियाओं की नजर है, जो मौका मिलते ही राजस्व अफसरों से सांटगाठ कर हेराफेरी करने से नहीं चूकते। महिला की शिकायत के बाद राजस्व विभाग के अफसर गंभीरता से जांच करे तो जमीन से जुड़े कई बड़े कारनामे उजागर हो सकते हैं।
(Bureau Chief, Korba)