रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को बहुप्रतिक्षित सी-मार्ट का लोगो जारी कर दिया। विधानसभा परिसर में हुए एक सादे आयोजन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह लोगो जारी किया। सी-मार्ट के इस प्रतीक में साल के पेड़ के नीचे आदिवासियों का पारंपरिक हाट दिखाया गया है। राज्य सरकार ऐसे ही सुपरस्टोर शहरों में खोलने जा रही है, जहां गांवों में बना सामान उचित दाम पर मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया, यह लोगो कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, कुम्हारों और अन्य पारंपरिक कलाकारों के कामों को एक उत्सव की तरह प्रतिबिंबित करता है। सी-मार्ट विभिन्न उद्यमियों के उत्पादों की एक ही छत के नीचे विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। इस लोगो मे साल वृक्ष के नीचे आदिवासियों के पारंपरिक हाट-बाजार को प्रदर्शित किया गया है। देश भर के गांवों और कस्बों में मुक्ताकाश बाजार ही स्थानीय लोगों का विनिमय केंद्र होता है। धान की बालियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में चावल उत्पादन की प्रचुरता पर प्रकाश डाला गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश भारत के तीन प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में से एक है। इस लोगो में मटमैले मैरून और हरे रंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं के पारंपरिक परिधानों को दर्शाया गया है।
ग्रामीण उत्पादों के मार्केटिंग की जगह होगी
कांग्रेस सरकार ने गांवों में पारंपरिक उद्यमों को बढ़ावा देने की कोशिश शुरू की है। गांव में बने सामान को शहरी उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सी-मार्ट की परिकल्पना हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकरों, कुम्हारों अथवा अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सी-मार्ट स्थापित करने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के हर शहर में बनेगा सी-मार्ट
सरकार ने 2022-23 के वार्षिक आम बजट में भी सी-मार्ट की स्थापना के लिए व्यवस्था की है। योजना के पहले चरण में सभी जिला मुख्यालयों में नगर निगमों की स्थिति में 8 से 10 हजार वर्गफीट तथा नगर पालिकाओं की स्थिति में 6 से 8 हजार वर्गफीट में यह स्टोर बनेगा। बाद में सभी शहरों में इसे खोला जाएगा। यह सी-मार्ट आधुनिक शोरूम की तरह होगा जहां सभी तरह के उत्पाद एक ही छत के नीचे मिल जाएं।