नई दिल्ली: चीनी विदेश मंत्री वांग यी अगले हफ्ते भारत आएंगे। यहां वे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मिलकर भारत-चीन सीमा विवाद पर बात करेंगे। यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हो रहा है। पीएम मोदी इस महीने के आखिर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए चीन के तियानजिन जाएंगे।
यह उनकी 2018 के बाद पहली चीन यात्रा होगी, जहां वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे।
इस साल जून में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर SCO की बैठकों में शामिल हुए थे। जयशंकर ने बीजिंग में शी जिनपिंग से मुलाकात की थी और भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की थी। उन्होंने दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्तों के लिए नेताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था।
मई 2020 में लद्दाख में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था। गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और चीनी को भी नुकसान हुआ था।
चार साल तक तनाव के बाद, 23 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। इस मुलाकात ने दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर करने की शुरुआत की
इससे पहले, भारत और चीन ने लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में गश्त फिर शुरू करने का फैसला किया था। दोनों नेताओं ने 2020 के सीमा विवाद को सुलझाने और शांति बनाए रखने की बात पर सहमति जताई थी। पीएम मोदी ने कहा था कि मतभेदों को शांति भंग नहीं करने देना चाहिए।
जून में दोनों देशों ने हवाई सेवाएं, कैलाश मानसरोवर यात्रा, वीजा आसान करने और नदियों के डेटा साझा करने पर सहमति जताई थी। पिछले महीने भारत ने कहा कि वह जल्द ही चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा शुरू करेगा।

(Bureau Chief, Korba)