मध्यप्रदेश: मुरैना से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां पुलिस लाइन स्थित जिला अस्पताल के बाहर 8 साल का मासूम अपने 2 साल के भाई का शव लेकर डेढ़ घंटे तक बैठा रहा। उसके पिता शव को अंबाह ले जाने के लिए एंबुलेंस और साधन की व्यवस्था करने में जुटे रहे, लेकिन पैसे नहीं होने से उनका किसी ने साथ नहीं दिया। काफी देर बाद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस शव और उसके भाई को अपनी गाड़ी से अस्पताल ले गई।
दरअसल दो दिन पूर्व अंबाह के बड़फरा निवासी पूजाराम जाटव के बेटे राजा की तबीयत खराब हो गई थी। उसने अंबाह के सरकारी अस्पताल में बच्चे को दिखाया। हालत ज्यादा खराब होने के चलते डॉक्टरों ने बच्चों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद पूजाराम अपने 8 साल के बेटे गुलशन के साथ बच्चे का इलाज करवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचा। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि राजा को एनीमिया और पेट में पानी भरने की समस्या थी।
भाई के शव को डेढ़ घंटे लेकर बैठा रहा मासूम
राजा की मौत के बाद पिता पूजाराम की समस्या और बढ़ गई। क्योंकि उसके पास एंबुलेंस के लिए डेढ़ हजार रुपए नहीं थे। उसने कई प्राइवेट और सरकारी एंबुलेंस से मदद मांगी लेकिन किसी ने मदद नहीं की। पूजाराम बेटे राजा के शव को 8 साल के बेटे को सौंपकर सस्ते रेट में एंबुलेंस की तलाश में जुट गया। करीब डेढ़ घंटे तक 8 साल का गुलशन अपने भाई के शव को लेकर नेहरू पार्क के सामने सड़क किनारे बने नाले के पास बैठा रहा। विचलित कर देने वाला यह दृश्य जिसने भी देखा उसकी आत्मा सिहर गई।
स्टाफ बोला नहीं है वाहन
एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित राजा ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अंबाह अस्पताल से राजा को लेकर जो एंबुलेंस आई वह तत्काल लौट गई। राजा की मौत के बाद उसके गरीब पिता पूजाराम ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से शव को गांव ले जाने के लिए वाहन की बात कही तो, यह कहकर मना कर दिया कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं, बाहर भाड़े से गाड़ी कर लो।
सूचना के बाद पुलिस ने की मदद
सूचना मिलने पर कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह जादौन आए। उन्होंने गुलशन की गोद से उसके भाई का शव उठवाया और दोनों को जिला अस्पताल ले गए। वहां गुलशन का पिता पूजाराम भी आ गया, उसके बाद एंबुलेंस से शव काे बड़फरा भिजवाया गया।
रोते हुए पूजाराम ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। तीन बेटे और एक बेटी, जिनमें राजा सबसे छोटा था। पूजाराम के अनुसार, उसकी पत्नी तुलसा तीन महीने पहले घर छोड़कर अपने मायके (डबरा) चली गई है। वह खुद ही बच्चों की देखभाल करता है।