Thursday, November 13, 2025

              अमित शाह की टीम में मौजूदा अफसर को मिल सकती है कमान… छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर IPS स्वागत दास हो सकते हैं राज्य के नए DGP, खुफिया चीफ को भी बदलने की तैयारी…

              रायपुर: केंद्रीय मंत्री अमित शाह की टीम में लंबे समय से काम कर रहे छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर आईपीएस स्वागत दास राज्य के नए डीजीपी हो सकते हैं। रिटायर डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी के बाद 1987 बैच के स्वागत दास राज्य में सबसे सीनियर आईपीएस हैं, जो 1994 से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। छत्तीसगढ़ से जाने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में पदस्थ रहे।

              वहां विशेष निदेशक के पद पर लंबे समय तक रहे। 23 जून 2022 को स्वागत दास को केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) के पद पर नियुक्त किया गया। इस बीच अचानक उनके छत्तीसगढ़ आने से डीजीपी बनने की चर्चा तेज हो गई। क्योंकि 10 माह बाद नवंबर में उनका रिटायरमेंट है। डीजीपी बनने के लिए कम से कम 6 माह की सर्विस बाकी होनी चाहिए। अगर उन्हें डीजीपी बनाया जाता है तो उन्हें दो साल के लिए नियुक्ति दी जाएगी।

              हालांकि डीजीपी की रेस में इस माह रिटायर हो रहे 1990 बैच के सीनियर आईपीएस राजेश मिश्रा और 1992 बैच के एडीजी अरुण देव गौतम के नाम की भी चर्चा है। सूत्रों के अनुसार इस माह नए डीजीपी की नियुक्ति हो जाएगी। जबकि वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल अगस्त 2024 तक है।

              खुफिया चीफ भी बदलने की तैयारी

              राज्य के खुफिया चीफ को भी बदलने की तैयारी है। लंबे समय से सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर रहे 1998 बैच के एडीजी अमित कुमार भी छत्तीसगढ़ लौट आए हैं। उन्हें खुफिया चीफ बनाए जाने की चर्चा है। हालांकि खुफिया चीफ के नाम पर एडीजी प्रदीप गुप्ता के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। इसी तरह एसीबी-ईओडब्ल्यू चीफ को भी बदलने की सुगबुगाहट है। वहां अभी संविदा पर पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी हैं। उनकी जगह पूर्णकालीन डीजी बिठाने की तैयारी है। इस पद के लिए आईपीएस एसआरपी कल्लूरी और विवेकानंद सिन्हा के नाम की चर्चा है।

              तीन डीजी के पोस्टिंग की तैयारी

              राज्य में एक डीजीपी और एक डीजी का पद स्वीकृत है। इसके अलावा एक्स कैडर पद पर दो डीजी (स्पेशल डीजी) की और पोस्टिंग कर सकते है। गृह विभाग ने अब तक डीपीसी नहीं की है। डीपीसी के बाद दो स्पेशल डीजी बनाए जा सकते हैं। डीपीसी के बाद नक्सल ऑपरेशन, पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन, पुलिस अकादमी और ट्रेनिंग, जेल और अभियोजन व फोरेंसिक डायरेक्टर के पद में भी नई नियुक्ति की जा सकती है।


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