बिलासपुर: छत्तीसगढ़ भर के वकीलों ने आज महाबंद का ऐलान किया। इस दौरान हाईकोर्ट में कामकाज पूरी तरह ठप रहा और वकील कोर्ट रूम तक नहीं गए, जिसके चलते 2500 केस की सुनवाई की तारीख बढ़ा दी गई। लोअर कोर्ट में भी वकीलों ने कामकाज ठप रखा और अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालयों में विरोध-प्रदर्शन किया। हाईकोर्ट में वकील अपने चेंबर में कैरम खेलते नजर आए। बार एसोसिएशन एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, मृत्यु दावा राशि 10 लाख रुपए करने की मांग कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान के मुताबिक न्यायालयों में काम नहीं करने का फैसला पिछले 27 अगस्त को हुई बैठक में लिया गया था। जिसमें सोमवार को महाबंद करने के निर्णय पर सहमति जताई गई थी। जिस पर सोमवार को हाईकोर्ट के वकीलों ने बार एसोसिएशन के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर न्यायालयीन काम का बहिष्कार किया। इस दौरान वकील किसी भी कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान नहीं पहुंचे। लिहाजा, ज्यादातार मामलों में केस की सुनवाई बढ़ा दी गई।
वहाब खान के मुताबिक प्रदेश भर के अधिवक्ता अपनी मांगों के समर्थन में एकजुट हैं। जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं, तब तक अधिवक्ताओं का आंदोलन चलता रहेगा। एक दिवसीय प्रदर्शन के बाद आंदोलन के दूसरे तरीके भी अपनाएंगे। पूर्व में सरकार के वादा करने के बाद भी अधिवक्ताओं की मांगों को पूरा नहीं किया गया। इससे भारी असंतोष है।
वकीलों ने हाईकोर्ट में कामकाज रखा ठप, किसी केस में नहीं हुई सुनवाई।
इन जिलों के पदाधिकारियों ने दिया है समर्थन
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दावा किया है कि महाबंद का जिला अधिवक्ता संघ मनेंद्रगढ़, जिला अधिवक्ता संघ सारंगढ़, जिला अधिवक्ता संघ जगदलपुर, अधिवक्ता संघ कोटा, अधिवक्ता संघ पेंड्रा रोड, मस्तूरी भटगांव पामगढ़ पत्थलगांव, अधिवक्ता संघ मरवाही, अधिवक्ता संघ पलारी, अधिवक्ता संघ उत्तर बस्तर कांकेर।
अधिवक्ता संघ चांपा, अधिवक्ता संघ खरसिया, अधिवक्ता संघ कोरबा, अधिवक्ता संघ भाटापारा, अधिवक्ता संघ पाली, अधिवक्ता संघ धर्मजयगढ़, अधिवक्ता संघ डोंगरगढ़, अधिवक्ता संघ सीतापुर, जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली, तहसील अधिवक्ता संघ नवागढ़, अधिवक्ता संघ चिरमिरी, सहित समस्त अधिवक्ता संघ ने तीन सूत्रीय मांगों के समर्थन में न्यायालयीन काम नहीं किया।
बिलासपुर सहित कई जिलों में काम करते रहे वकील
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान के बाद भी बिलासपुर सहित कई जिलों में अधिवक्ता संघ के सदस्य न्यायालयीन काम काज करते रहे। इस दौरान यहां निचली अदालतों में केस की सुनवाई प्रभावित नहीं हुई। हालांकि, वकीलों ने विरोध-प्रदर्शन कर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन।
रायगढ़ में हुई घटना के बाद से आंदोलनरत हैं वकील
पिछले साल रायगढ़ में तहसील दफ्तर के कर्मचारियों और वकीलों के बीच विवाद हो गया था। मारपीट की घटना में शामिल वकीलों पर गैरजमानतीय केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था, जिसके बाद प्रदेश भर में वकीलों ने आंदोलन शुरू कर दिया था।
इसके साथ ही वकीलों ने अपनी लंबित मांग एडवोकेट प्रोटेक्शन लागू करने को लेकर राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया था। लेकिन, इसके बाद भी अब तक शासन की तरफ से वकीलों की मांग पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।