रायपुर: छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई है। बीते कुछ समय से कुछ पुलिस इंस्पेक्टर पत्नी के साथ तो बंदूक के साथ सोशल मीडिया पर वर्दी में रील्स बना रहे थे। इस पर डीजीपी अशोक जुनेजा नाराज हैं। ऐसे बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने 20 बिन्दुओं पर गाइडलाइन जारी की है। निर्देश में ये भी साफ लिखा है कि सोशल मीडिया पर कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी मे मनोरंजक (एंटरटेनटेनिंग) रील नहीं बना सकेगा।
इस गाइडलाइन में एक-दो नहीं बल्कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर पूरे 20 पॉइंट तैयार किए गए हैं। इनमें सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने के तरीके। किस तरह की जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर नहीं करना है। किन खास बातों का ध्यान सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए पुलिस वालों को रखना होगा इसकी पूरी जानकारी दी गई है। रायपुर की स्पेशल सेल ने स्थानिय अधिकारियों को यह सर्कुलर भेज दिया है। प्रदेश के पुलिस मुख्यालय से ये निर्देश सभी जिलों के SP को भेजे गए हैं।
क्या है गाइडलाइन में
- छत्तीसगढ़ पुलिस के प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी को सोशल मीडिया के प्रयोग की अनुमति है। लेकिन वह छत्तीसगढ़ सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकते।
- एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट होना चाहिए कि वह पुलिसकर्मी के निजी विचार हैं और इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है।
- सोशल मीडिया पर पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण मिली है।
- शासकीय दस्तावेजों प्रतिवेदन नोटशीट वगैरह सोशल मीडिया पर शेयर नहीं किए जा सकेंगे।
- सभी अधिकारियों कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि सोशल मीडिया पर किसी राजनीतिक दल राजनीतिक व्यक्ति राजनीतिक विचारधारा के संबंध में कोई पोस्ट नहीं करेंगे।
- पुलिस अधिकारी अपनी नियुक्ति की जानकारी नहीं देंगे और इसका सख्ती से पालन करना होगा।
- वर्दी या उसके किसी भाग को धारण करके कोई मनोरंजक तस्वीर वीडियो रील नहीं बनाई जा सकेगी वर्दी की गरिमा का ध्यान रखना होगा।
- पुलिस अधिकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे, अश्लील फोटो-वीडियो, ऑडियो, लिखे हुए कंटेंट पोस्ट नहीं करेंगे।
- अपराध की जांच में कोर्ट के मामलों की जानकारी नहीं दी जा सकेगी।
- ऐसी कोई पोस्ट नहीं कर सकेंगे जो शराब गांजा गुटके को प्रमोट करती हो।
- सोशल मीडिया पर किसी धर्म जाति वर्ग संप्रदाय व्यवसाय क्षेत्र के संबंध में पूर्वाग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जा सकेगी।
- बलात्कार से पीड़ित या किसी नाबालिग की कोई पहचान उजागर नहीं कर सकेंगे।
- आपत्तिजनक छवि वाले शख्स के साथ सोशल मीडिया पर उन्हें एंडोर्स करते हुए नजर नहीं आएंगे।
- सोशल मीडिया पर पुलिस अधिकारी कर्मचारी सभी शासकीय अधिकारी अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।
- सरकार या उसकी नीति कार्यक्रम हो या किसी पदाधिकारी के संबंध में कोई विवादास्पद या आपत्तिजनक बात नहीं लिख सकेंगे।
- जांच की गोपनीय तकनीक सोशल मीडिया पर साझा नहीं करनी है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा पड़ोसी देशों से संबंध अंतरराष्ट्रीय शांति से जुड़े मसलों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
- न्यायालय के किसी दिशा निर्देश का उल्लंघन नहीं किया जाएगा और किसी प्रकार से न्यायालय की अवमानना नहीं होनी चाहिए।
- सोशल मीडिया पर कोई भी पुलिस अधिकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार के स्वरचित या किसी अन्य के द्वारा रचित साहित्य दृश्य ऑडियो रिटर्न कंटेंट शेयर नहीं करेंगे जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विवादास्पद या राजनीतिक विषय से संबंधित हो।