गरियाबंद: वही पाते हैं, जिंदगी में कामयाबी जो खामोशी से अपना काम कर जाते है। एक ऐसे दिव्यांग की कहानी है। जो अस्थिबाधित श्रेणी के 42 प्रतिशत दिव्यांग है, लेकिन उनके काम करने के जुनून से नहीं लगता की वो दिव्यांग है। फिंगेश्वर विकासखंड अंतर्गत ग्राम चैतरा के डिगेश्वर साहू अस्थि बाधित श्रेणी के दिव्यांग होने के बावजुद भी वह अपने जिन्दगी में कुछ कार्य कर सफल आदमी बनने के लिए प्रतिदिन पढ़ाई के साथ-साथ पत्थर पॉलीस का काम करता था। दिव्यांग डिगेश्वर अभी फनीकेश्वर नाथ कॉलेज फिंगेश्वर में बी.ए फाईनल में अध्यनरत हैं। उसे अपने बचपन से लेकर शादी तक आर्थिक समस्थाओं का सामना करना पड़ा था। क्योकि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी। लेकिन फिर भी वह हार नही माना और धीरे-धीरे अपने हौसला को मजबूत करने के लिए प्रयासरत रहा। डिगेश्वर विवाह के पश्चात् समाज कल्याण विभाग में विवाह प्रोत्साहन राशि के लिए जिला कार्यालय गरियाबंद में अपना आवेदन प्रस्तुत किया। उनके आवेदन का उप संचालक द्वारा तत्काल संज्ञान में लेकर शासन के नियमानुसार कार्यवाही करते हुए उन्हे पात्रता अनुसार 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। विवाह प्रोत्साहन राशि का सदुपयोग कर अपने पत्थर पॉलिश के कारोबार में लगाकर अपने रोजगार के आय को बढ़ाया और देखते ही देखते डिगेश्वर पत्थर पॉलिश का दुकान खोल लिया। उनकी आर्थिक स्थिति मे बहुत ज्यादा सुधार आया। अब उनके चहरे में हमेशा खुशी दिखाई पड़ता है। उन्होंने शासन-प्रशासन को विवाह प्रोत्साहन राशि दिलाने के लिए आभार व्यक्त किया।