Friday, March 29, 2024
Homeछत्तीसगढ़ज़िले में प्रतिदिन 700-1000 क्विंटल के बीच गोबर खरीदी....

ज़िले में प्रतिदिन 700-1000 क्विंटल के बीच गोबर खरीदी….

  • स्व सहायता समूहों के द्वारा किया जा रहा गोबर खरीदी
  • 250 से ज्यादा गौठानों में 2 क्विंटल से ज़्यादा गोबर खरीदी प्रतिदिन
  • ज़िले में अब तक 5 लाख 69 हज़ार 556 क्विंटल से ज़्यादा गोबर खरीदी हो चुकी, 1 लाख 53 हज़ार 166 क्विंटल से ज़्यादा कम्पोस्ट विक्रय
  • ग्राम सचिवों के द्वारा खरीदी किये जा रहे अवधि से ज्यादा गोबर खरीदा जा रहा

महासमुंद: महासमुंद ज़िले की ग़ोठानों में गोबर खरीदी का कार्य स्व सहायता समूहों के द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है। जिले में प्रतिदिन लगभग 700- 1000 क्विंटल के बीच गोबर खरीदी का कार्य स्व सहायता समूहों के द्वारा किया जा रहा है । जिसकी नियमित एंट्री गोधन न्याय योजना के पोर्टल में की जा रही है। प्रतिदिन 300 से ज्यादा गौठानों में स्व सहायता समूहों के द्वारा गोबर खरीदी की जा रही है। वर्तमान में 250 से ज्यादा गौठानों में 2 क्विंटल या उससे अधिक की गोबर खरीदी प्रतिदिन हो रही है।

मुख्यकार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत श्री एस.आलोक ने बताया कि ग्राम पंचायत सचिवों के हड़ताल का कोई ख़ास असर गोबर ख़रीदी पर नहीं पड़ा है। उन्होंने जानकारी दी कि ग्राम सचिवों के द्वारा खरीदी किये जा रहे अवधि से ज्यादा गोबर खरीदा जा रहा है। अब तक जिले में कुल 5 लाख 69 हज़ार 5 सौ 56 क्विंटल 30 किलो गोबर खरीदी हो चुकी है। तथा कुल 140842. 23 क्विंटल वर्मी कम्पोस्टए 31025. 28 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट तथा 1533.00 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस का उत्पादन हो चुका है । 153166.14 क्विंटल का विक्रय हो चुका है। जो कि शासन के तय मापदण्ड के अनुरूप है।

श्री एस.आलोक ने बताया कि एक समाचार पत्र में महासमुन्द से प्रकाशित खबर जिसमें उल्लेखित है कि गौठानों में गोबर खरीदी ठपए छोटे-छोटे कार्यों के लिए ग्रामीण भटक रहें है। यह जानकारी भ्रामक एवं तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि सभी हड़ताली सचिवों को नोटिस जारी किया गया है। इसके पश्चात् इनके स्थान पर कार्यवाहक सचिव की नियुक्ति की जा चुकी है। जिन हड़ताली सचिवों के द्वारा शासकीय दस्तावेज कार्यवाहक सचिवों को नहीं सौंपा गया है। उन पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु संबंधित जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश किए जा चुके है।

सचिवों के हड़ताल के अवधि में सफलता पूर्वक सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य एवं गौठानों के भौतिक सत्यापन का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है । वर्तमान में जी.पी.डी.पी. के कार्यों की प्रविष्टि प्रगतिरत है। उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत करते हुए स्थिति सामान्य हो जाने के कारण हड़ताली सचिवों द्वारा भ्रामक वक्तव्य दिए जा रहे है। जबकि स्थित ऐसी नहीं है ।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular