भिलाई: छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हिशा बघेल की पासिंग आउट परेड पूरी हो चुकी है। वो अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ट्रेनिंग पूरी करके अपने घर लौट रही है। हिशा के घर लौटने की खुशी जितना उनकी मां, भाई और बहन को है, उतना ही डर भी है। हिशा की ट्रेनिंग खराब न हो, इसलिए घर वालों ने उसे उसके पिता की सच्चाई नहीं बताई। अब उनका कहना है कि बेटी जब घर आएगी और अपने पिता को खोजेगी तो वो उसे सच्चाई कैसे बताएंगे।
मीडिया की टीम हिशा के परिवार से मिलने उसके गांव बोरीगारका पहुंची। यहां उनकी मां सती बघेल, भाई कोमल बघेल और बड़ी बहन दीक्षा बघेल से मुलाकात हुई। हिशा के चयन को लेकर उनके अंदर जितनी खुशी दिखी, उतना ही गम भी था। गम था बीते 3 मार्च 2023 को हिशा के पिता संतोष बघेल के गुजर जाने का।
हिशा जब अग्निवीर की ट्रेनिंग कर रही थी। उसी दौरान उसके पिता की कैंसर से मौत हो गई। हिशा अपने पता को सबसे अधिक चाहती थी। पिता की मौत की खबर सुनकर कहीं वो ट्रेनिंग छोड़कर न आ जाए, इस डर से घरवालों ने उसे पिता की मौत की सच्चाई से दूर रखा।
पति के जाने के गम में टूट चुकी हैं हिशा की मां।
पिता को पूछने पर बना देते हैं अलग-अलग बहाना
जब भी ट्रेनिंग से मौका मिलता तो हिशा अपने घर में फोन लगाकर मां, भाई बहन से बात करती। हिशा जब पिता को पूछती तो घरवाले नहाने, सोने और बाहर होने की बात कहकर टाल देते थे। हिशा की मां विधवा हो गईं हैं। उनकी इस हालत में देखकर हिशा कहीं सच्चाई न जान जाए। इसलिए घर के लोग उससे वीडियो कॉल भी नहीं करते। जब भी वो वीडियो कॉलिंग के लिए कहती तो वो लोग नेटवर्क का बहाना बनाकर वाइस कॉलिंग करते थे।
एनसीसी कैडेट्स के साथ हिशा बघेल। स्कूल के वक्त से ही हिशा एनसीसी कर रही थी।
पिता के अरमान को पूरा करेगा बेटा
कोमल का कहना है कि उनके पिता का सपना था। जब भी हिशा अग्निवीर बनकर घर लौटेगी तो वो ढोल नगाड़े के साथ स्वागत करते हुए रेलवे स्टेशन से घर तक लाएंगे। पिता ये सपना तो पूरा नहीं कर पाए, लेकिन अपने बेटे कोमल को वो जिम्मेदारी देकर गए हैं। कोमल का कहना है कि अप्रैल सेकेंड वीक में उसकी छोटी बहन अग्निवीर बनकर लौट रही है। वो उसे दुर्ग से उसी तरह ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत करते हुए लाएगा, जैसा उसके पिता का सपना था।
अग्निवीर हिशा और उसके पिता। हिशा अपने के काफी करीब थी।
आईएनएस चिल्का में इंडियन नेवी के लिए पास की पासिंग परेड
आईएनएस चिल्का पर मंगलवार 28 मार्च को भारतीय नौसेना के अग्निवीरों के पहले बैच ने पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। इस परेड में 2,585 अग्निवीर शामिल हुए। इस परेड की सबसे खास बात यह रही कि पहली बार 273 महिलाएं भी अग्निवीर के तौर पर इंडियन नेवी(भारतीय नौसेना) में शामिल हुईं। इन्हीं महिला अग्निवीरों में 19 वर्षीय हिशा बघेल भी शामिल थीं।
एनसीसी के दौरान हिशा रहती थीं अव्वल।
छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं हिशा
हिशा बघेल छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर हैं। वह उस 2600 के करीब अग्निवीरों के बैच का हिस्सा हैं, जिसने ओडिशा में 28 मार्च को आईएनएस चिल्का पर अपनी शुरुआती ट्रेनिंग पूरी की है। ये बैच अब भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। हिशा का परिवार दुर्ग शहर से 15 किलोमीटर दूर बोरीगर्का गांव में रहता है। राजधानी रायपुर से उनका गांव 50 किलोमीटर दूर है।
3 मार्च 2023 को हिशा के पिता की मौत हो गई है।
पिता की बीमारी, बिक गया ऑटो और जमीन
कोमल बघेल ने बताया बीते 3 मार्च को उनके पिता संतोष बघेल की कैंसर से मौत हो गई है। उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार चलाते थे। 2016 में उन्हें मुह का कैंसर हो गया। इसके बाद धीरे धीरे बीमारी बढ़ती गई। इलाज में उन्हें अपनी पूरी जमीन और पिता का ऑटो रिक्शा तक बेचना पड़ा। सरकार से भी मदद मिली, लेकिन वो लोग पिता को नहीं बचा पाए।