भिलाई: रायपुर में CSPDCL (बिजली विभाग) में कार्यरत महिला असिस्टेंट इंजीनियर शिल्पा चंद्राकर (31 वर्ष) ने दहेज प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी थी। शिल्पा के पिता ने पुलिस को बयान दिया है कि श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज जुनवानी में पदस्थ उनका दामाद डॉक्टर निखिल कौशिक और उसके परिजन उसकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। इससे तंग आकर उसने खुदकुशी की है। पद्मनाभपुर चौकी पुलिस ने आरोपी डॉक्टर पति, सास और डेढ़ सास के खिलाफ दहेज मृत्यु की धारा के तहत मामला दर्ज किया है।
मृतका के पिता कुलेश्वर चंद्राकर ने पुलिस के दिए बयान में दहेज लोभी डॉक्टर और उसके परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही उसका पति डॉ. निखिल चंद्र कौशिक, सास चरण कौशिक और डेढ़सास तोमेश्वरी पाटनकर उसे कम दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करने लगे थे। वह लोग हमेशा उसे दहेज में कम सामान लाने की बात कहकर ताना मारते थे। जब उनकी बेटी मड़वा पावर प्लांट चांपा में पदस्थ थी तो उसकी सास चरण कौशिक वहां जाती थी। वह वहां भी उसे अलग-अलग तरह से प्रताड़ित करती थी।
पूरा वेतन निकाल कर अपने पास रख लेते थे ससुराली
बीएसपी कर्मी पिता ने बताया कि उसने अपनी बेटी का विवाह पंचशील नगर बोरसी दुर्ग निवासी डॉ. निखिल कौशिक से 27 फरवरी 2020 को पूरे रीतिरिवाज के साथ किया था। ससुराल जाने के कुछ दिन बाद से ही शिल्पा को दहेज के लिए पति, सास व अन्य लोग ताने देने लगे। वह लोग शिल्पा का पूरा वेतन अकाउंट में आते ही निकाल लेते थे। इस बीच शिल्पा चंद्राकर ने एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद भी ससुराल वालों के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया। उनकी प्रताड़ना जारी रही। इससे तंग आकर उसने अपने घर में 14 जून को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
नहीं बताया खुदकुशी का राज
शिल्पा चंद्राकर ने 14 जून 2022 को अपने डॉक्टर पति को लंच देकर विदा किया। अपने बेटे दूध पिलाकर सुलाया और दूसरे कमरे में जाकर फंदे में झूल गई। उसने अपनी जान देकर भी खुदकुशी का कारण सुसाइड नोट में नहीं लिखा। उसका पति और ससुराल वाले कानूनी कार्रवाई से बच जाएं इसके लिए उसने सुसाइड नोट में सिर्फ इतना लिखा था कि इट इज माय फाल्ट, एंड आईएम रिसपासिबल फार इट। बेटी की तकलीफ से उनके पिता वाकिफ थे और उन्होंने पुलिस को खुदकुशी का कारण बताया। सीएसपी दुर्ग अभिषेक झा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।