दुर्ग: जिला मुख्यालय में काले मोती की माला बनाने की नेटवर्क कंपनी खोलकर 2 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने वाले मास्टर माइंड ने कई चौंकाने वाली सच्चाई बताई। चॉइस सेंटर में पैसों के बल पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर उसने गुमास्ता लाइसेंस बनाया। उसके बाद इंदिरा मार्केट में ऑफिस खोलकर जिले की 8 हजार महिलाओं ढाई-ढाई हजार रुपए लिए और फरार हो गया। अगर निगम ने गुमास्ता जारी करने से पहले सभी दस्तावेजों की जांच की होती तो शायद इतना बड़ा फ्रॉड नहीं होता।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने जब मुख्य आरोपी सानू कुमार पिता विजय कुमार (24) और उसके ड्राइवर संजय कुमार से पूछताछ की तो उन्होंने पूरे फ्राड के बारे में बताया। पहले उसने दुर्ग आते ही एक रिक्शा चलाने वाले को रोजाना छोड़ने और ले जाने के लिए बुक किया। इसके बाद उसका आधार कार्ड लेकर दिल्ली से फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया। इसके बाद इसी आधार पर उसने नई सिम लेने के साथ ही चॉइस सेंटर से 7 हजार देकर गुमास्ता लाइसेंस बना लिया।
एसपी के मुताबिक सामान्य रूप से गुमास्ता बनवाने में 4-5 सौ रुपए का खर्च आता है। अधिक रकम देने पर अधिकारी के पास बिना गए ही गुमास्ता बन गया। गलत गुमास्ता बनने से आरोपी शहर के बीच अपना कार्यालय खोल पाया और लोगों के साथ करोड़ों की ठगी कर पाया। फर्जी गुमास्ता बनाने के मामले में निगम के कई अधिकारी पुलिस की रडार में आ गए हैं। इसके साथ ही चॉइस सेंटर की भी जांच करेगी।
ठगी के आरोपियों से पूछताछ करते एसपी दुर्ग।
हर दिन उड़ाता 100 से अधिक कबूतर, गाय को खिलाता था चावल
आरोपी सानू कुमार ने बताया कि वो शाकाहारी है। गरीब महिलाओं से ठगी के पैसों से वो रायपुर में लग्जरी फ्लैट लेकर रहता था। एक थार खरीदा था। उससे रोजाना दुर्ग अप डाउन करता था। इसके बाद स्टेशन रोड जाकर कबूतर की दुकान से हर दिन 100 से अधिक कबूतर खरीदता था और उन्हें वहीं उड़ा देता था। इसके उसने डेढ़ लाख से अधिक के कबूतर पुण्य कमाने के लिए उड़ा दिए। इसके साथ ही वो हर दिन गाय को 25 किलो चावल भी खिलाता था।
पत्नी ने दी तलाक की धमकी
सानू कुमार ने अपनी पत्नी को बताया था कि वो फ्लिपकार्ड कंपनी में सुपरवाइजर है। जब उसकी पत्नी को पता चला कि वो ठग है और उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, तो उसने उससे तलाक लेने का फैसला कर लिया है। पत्नी ने सानू कुमार से कहा कि वो अपराधी के साथ जीवन नहीं जी सकती है। इसलिए वो उससे तलाक लेना चाहती है।
110 रुपए किलो में खरीदता था काली मोती
सानू ने ठगी का ये पूरा खेल यू-ट्यूब देखकर सीखा। इसके बाद इसने दानापुर बिहार, हाजीपुर बिहार, जबलपुर मध्य प्रदेश, बरेली उत्तर प्रदेश, बीकानेर राजस्थान और दुर्ग छत्तीसगढ़ में ठगी की। दुर्ग में सबसे अधिक दो करोड़ से अधिक की ठगी करने के बाद ये यहां से भागकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचा। यहां भी उसने एक लेबर के नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनवाया। इससे पहले की ये ऑफिस खोलकर ठगी करता दुर्ग पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
इस तरह दिया ठगी की वारदात को अंजाम
आरोपी सानू कुमार ने दुर्ग के इंदिरा मार्केट में होमग्रोन कॉरपोरेशन कंपनी नाम से एक ऑफिस खोला। सानू ने ऑफिस में 20 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की। उसने अखबार के साथ अपनी कंपनी का प्रचार करने के लिए पंपलेट्स बांटे। उसने दावा किया कि कंपनी के द्वारा काला मोती और धागा दिया जायेगा। लोगों को माला बनाकर लाना है। माला बनाकर वापस करने पर उन्हें कंपनी से 3500 रुपए दिया जाएगा।
काला मोती लेने के लिए लोगों को कंपनी में रजिस्ट्रेशन करना होता था, जिसकी फीस 2500 रुपए थी। इतना ही नहीं हर रजिस्ट्रेशन के पीछे 400 रुपए का कमीशन भी था। पहले महीने उसने माला बनाकर देने वालों को रिटर्न दिया। लोगों को लगा कि वो फ्राड नहीं है। इससे वहां 8 हजार से अधिक महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया। इस तरह जब सानू कुमार ने दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर ली तो वह दफ्तर में ताला लगाकर भाग गया।