पेंड्रा/बलौदाबाजार/मुंगेली: छत्तीसगढ़ में रविवार को अचानक से फिर मौसम ने करवट ली। कई जिलों में बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है। वहीं 5 परिवारों पर गाज भी गिरी है। हादसे में 2 किसानों सहित 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं 50 से ज्यादा बकरे-बकरी भी मारे गए हैं। मृतकों में 2 महिलाएं और एक युवती भी शामिल है। इसमें से युवक और एक महिला खेत में काम करने गए थे, जबकि दो महिलाएं डोरी पेड़ के फल बीनने के बाद लौट रही थीं। वहीं एक युवक पेड़ के नीचे खड़ा हुआ था।
दोनों की गांव के पास ही मैदान में भरे हुए पानी में मौत हो गई।
GPM : महिला और युवती को संभलने का भी मौका नहीं मिला
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में गौरेला के बिजरवार गांव निवासी सोमवती और ललिता मार्को डोरी पेड़ के फल बीनने के लिए गई थीं। दोनों सुबह फल बीनने के बाद थैले लेकर गांव में लौट रही थी। अभी वे गांव के पास पहुंची ही थीं कि आकाशीय बिजली दोनों के ऊपर गिर पड़ी। इस दौरान दोनों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। हाथ में थैला पकड़े हुए ही दोनों की मौत हो गई।
युवक की मौत के बाद मौके पर पहुंचे परिजन।
मुंगेली : खेत में निंदाई करने गया था युवक
वहीं मुंगेली के जरहागांव क्षेत्र में ग्राम ठकुरीकापा सुखदेव खांडे रविवार सुबह 5 बजे अपने खेत मे निंदाई करने गया था। कुछ समय बाद ही अचानक बारिश शुरू हो गई। इसके बाद भी सुखदेव खेत के काम में जुटा रहा। तभी सुबह करीब 6.30 बजे अचानक से आकाशीय बिजली उसके ऊपर गिर पड़ी। आसपास के लोगों ने देखा तो परिवार और पुलिस को सूचना दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
आकाशीय बिजली गिरने के बाद महिला को लेकर पति पहुंचा अस्पताल।
बलौदाबाजार : पति के साथ खेत में काम करने गई थी महिला
दूसरी ओर बलौदाबाजार में भी आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई। पलारी के ग्राम रोहासी निवासी अनीता साहू (40) अपने पति केशव साहू के साथ खेत में धान की बुआई करने के लिए गई थी। दोपहर करीब 12 बजे बारिश शुरू हो गई और तेज आवाज के साथ बिजली अनीता पर गिर पड़ी। पति उसे लेकर पलारी अस्पताल पहुंचा, वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पेड़ के नीचे खड़े युवक और जानवरों की मौत हो गई।
गरियाबंद : पेड़ के नीचे खड़े चरवाहे की जान गई
गरियाबंद के फिंगेश्वर विकासखंड के सहसपुर गांव में तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिर पड़ी। इस दौरान सरगी नाला के करीब पेड़ के नीचे खड़ा 22 साल का युवक चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। उसी पेड़ के नीचे खड़े 4 दर्जन से ज्यादा बकरे-बकरियों की भी मौत हुई है। सूचना मिलने पर पांडुका थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। अभी तक हादसे में मारे गए युवक की पहचान नहीं हो सकी है।
भास्कर नॉलेज: 3 लाख किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धरती पर गिरती है बिजली; इससे बचने के 6 तरीके
- सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें। यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।
- जहां हैं, वहीं रहे। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
- दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें।
- बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।
- पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।
- घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।
क्यों गिरती है बिजली?
आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।