रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला किया है। सीजी बोर्ड की 10वीं-12वीं परीक्षा में कमजोर छात्रों को अब उसी साल में दोबारा परीक्षा दिलाकर पास होने का अवसर मिलेगा। छत्तीसगढ़ में अब साल में दो बार बोर्ड की परीक्षाएं होंगी।
इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग से सोमवार को आदेश जारी किए गए। इसके तहत एक परीक्षा मार्च और दूसरी इसके 3 महीने बाद जून या जुलाई में होगी। बोर्ड परीक्षा से संबंधित ये फॉर्मूला इसी सत्र से लागू होगा या फिर अगले सत्र से, ये अभी तय नहीं है। इस संबंध में जल्द निर्देश जारी होंगे।
छातीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल
जानिए क्या है पूरी योजना?
छत्तीसगढ़ में अब दो बार बोर्ड की परीक्षाएं होंगी। दूसरी बार परीक्षा जून में होगी, जिसमें पहली परीक्षा में फेल, सप्लीमेंट्री या फिर अनुपस्थित रहे छात्रों को मौका मिलेगा। इससे स्टूडेंट्स का साल खराब नहीं होगा।
पूरक आने वाले छात्र एक विषय की परीक्षा देंगे
दो बार बोर्ड परीक्षा के तहत पहली परीक्षा में अगर किसी छात्र को पूरक आता है या फिर दो विषय में फेल हो जाते हैं, तो दूसरी परीक्षा वे संबंधित विषय की देंगे। अगर वे चाहें तो श्रेणी सुधार या ज्यादा नंबर के लिए सभी विषयों के एग्जाम्स में भी बैठे सकते हैं।
पहली परीक्षा में पास हुए विषय की दोबारा परीक्षा देने में अगर छात्र फेल हो जाते हैं, तब भी पहले रिजल्ट के आधार पर उन्हें पास माना जाएगा। जानकारों का कहना है कि दो बार बोर्ड एग्जाम का फार्मूला लागू होने के बाद अलग से पूरक परीक्षा नहीं होगी। द्वितीय परीक्षा में भी यह तब्दील हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा (फाइल फोटो)
जानिए क्या कहते हैं जानकार?
जानकारों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम से संबंधित इस फैसले से छात्रों को फायदा है। जैसे यदि किसी कारणवश कोई छात्र मार्च में एग्जाम नहीं दे पाता है, तो उसके पास जून-जुलाई की परीक्षा में शामिल होने का एक मौका और होगा। पहली परीक्षा में किसी विषय में मिले नंबर से छात्र संतुष्ट नहीं है, तो उसके पास ज्यादा नंबर पाने के लिए दूसरी परीक्षा का एक और ऑप्शन होगा। जिस परीक्षा में ज्यादा नंबर आएंगे, उसके आधार पर रिजल्ट जारी होगा।
10वीं-12वीं सीजी बोर्ड की परीक्षा एक सत्र में दो बार होगी, लेकिन कोर्स दो भागों में नहीं बंटेगा। पहले की तरह ही पूरा कोर्स पढ़ना होगा। जैसे, सत्र जून से शुरू होगा। मार्च में पूरे कोर्स के आधार पर पहली बोर्ड परीक्षा होगी। इसके बाद फिर जून-जुलाई में दूसरी परीक्षा होगी। इसमें भी पूरे कोर्स से ही सवाल आएंगे।
विशषज्ञों का कहना है कि पारंपरिक तरीकों से हटकर यह निर्णय लिया गया है। जिस तरह जेईई जैसी प्रवेश परीक्षाओं में स्टूडेंट्स को दो बार अवसर मिलता है, वैसे ही अब बोर्ड एग्जाम में भी मिलेगा। इससे छात्र अपनी गलतियों पर काम कर सकेंगे।
यहां तक कि अगर छात्र किसी भी वजह से परीक्षा देने में असफल होते हैं, तो उन्हें फिर मौका मिल जाएगा। दसवीं और बारहवीं के रिजल्ट बेहतर होंगे। छात्रों का मेंटल प्रेशर कम होगा। परीक्षा में उनका परफॉर्मेंस भी अच्छा रहेगा। कमजोर छात्रों के लिहाज से यह राहतभरा निर्णय है।
जानिए पालकों और छात्र संगठनों की राय
NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा का कहना है कि सरकार इस योजना को इसी सत्र से लागू करें, अभी तक प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं। ऐसे में सरकार चाहे तो इसी सत्र से इसकी शुरुआत कर सकती है। NSUI मांग करती है कि जल्द से जल्द छात्र हित में इस फैसले को लागू किया जाए।
पालक दिनेश शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस फैसले से हमारे बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का फैसला बहुत अच्छा है, इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए।
10वीं सीजी बोर्ड का रिजल्ट साल दर साल
वर्ष | परीक्षार्थी | फेल |
2016 | 421333 | 188746 |
2017 | 386349 | 150576 |
2018 | 386124 | 120000 |
2019 | 384664 | 123487 |
2020 | 384761 | 101604 |
2021 | 461093 | कोई फेल नहीं |
2022 | 363301 | 93823 |
2023 | 330681 | 82960 |
(Bureau Chief, Korba)