अंबिकापुर: अंबिकापुर शहर के मायापुर घुटरापारा में जमीन फर्जीवाड़े के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने कांग्रेस पार्षद, उसके भाई सहित 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल एक विधवा महिला और उसकी बेटी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके पिता के नाम की 1 एकड़ 20 डिसमिल जमीन फर्जी तरीके से दूसरे के नाम से कर दी गई है।
जमीन की रजिस्ट्री दूसरे के नाम पर कराने के लिए उसके पिता को निःसंतान बताया गया है, जबकि पिता ने दो शादी की थी और उनके 6 बेटे-बेटियां हैं। मामले की जांच के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है। बता दें कि शहर के मायापुर घुटरापारा निवासी सुबासो बाई और उसकी बेटी मालती ने सिटी कोतवाली में 9 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मायापुर स्थित भूमि खसरा न. 253/4 की लगभग 1 एकड़ 20 डिसमिल जमीन को फर्जी तरीके से बिचौलियों ने दूसरे के नाम करा दिया है।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पाया कि पीड़िता के 1 एकड़ 20 डिसमिल जमीन को फर्जी तरीके से बिचौलियों ने मिलकर देवी राम के नाम करा लिया है। पीड़िता की शिकायत सही पाए जाने पर पुलिस ने देवी राम निवासी मायापुर, दिनेश बारी निवासी चांदनी चौक, कांग्रेस पार्षद सतीश बारी निवासी चांदनी चौक, दीपक निवासी घुटरापारा व अन्य के खिलाफ जमीन धोखाधड़ी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।
बिचौलियों ने पीड़िता की जमीन यह कहकर अपने नाम करा ली थी कि पीड़िता सुबासो बाई के पति दिवंगत रामलाल की कोई संतान नहीं है। पुलिस की जांच में यह पाया गया कि रामलाल की 2 पत्नियां थीं, लेकिन एक पत्नी की सालों पहले मौत हो गई थी। वहीं मृतक की पत्नी से एक संतान रवि शंकर चेरवा है, जबकि दूसरी पत्नी से 5 बेटियां हैं। बिचौलियों ने पूरे दस्तावेज में यह साबित किया था कि जमीन स्वामी की कोई संतान नहीं है।
ऐसे में जमीन मृतक रामलाल के चचेरे भाई के नाम करा ली गई। पुलिस ने यह भी बताया कि चांदनी चौक निवासी कांग्रेसी पार्षद सतीश बारी के यहां काम करने वाले देवी राम के नाम जमीन फर्जी रूप से करा लिया गया है। कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 और 34 तहत अपराध दर्ज कर लिया हैl
पार्षद की भूमिका भी आई सामने
सिटी कोतवाली प्रभारी के अनुसार, सतीश बारी इस वार्ड के पार्षद हैं। पीड़िता सुबासो बाई के पति दिवंगत रामलाल व आरोपी देवी राम एक ही परिवार से हैं। देवी राम ने पार्षद के साथ मिलीभगत कर पहले सुबासो बाई को नि:संतान होने का प्रमाण पत्र बनवाकर 1 एकड़ 20 डिसमिल जमीन देवी राम के नाम चढ़वा दिया, क्योंकि पीड़िता और देवी राम एक ही परिवार से आते हैं। इसके बाद सभी आरोपियों ने मिलकर जमीन के कुछ हिस्से को प्लॉटिंग कर बेच दिया है। इस कार्य में पटवारी की भूमिका भी संदिग्ध है।