कोरबा: जिले में सोमवार को देव दीपावली के मौके पर हसदेव नदी के तट पर महाआरती का आयोजन किया गया। 5100 दीयों से पूरा घाट जगमगा उठा। इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ घाट पर देखने को मिली।
हसदेव नदी को जीवनदायिनी कहा जाता है। वाराणसी की गंगा आरती की तर्ज पर कोरबा में हसदेव नदी की महाआरती की गई। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हिंदू क्रांति सेना ने पहली बार ये भव्य आयोजन किया। हसदेव नदी घाट पर कुछ इस अंदाज में सजावट की गई, जैसे वाराणसी, हरिद्वार और ऋषिकेश घाट का नजारा यहां जीवंत हो उठा। यहां का माहौल अलौकिक था। महाआरती के घंटों पहले से यहां लोग आने शुरू हो गए थे। आरती से पहले पुरोहितों ने शंखनाद किया।
महाआरती में उमड़ी लोगों की भारी भीड़।
हिंदू क्रांति सेना के जिला अध्यक्ष राहुल चौधरी के नेतृत्व में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में दूध से रुद्राभिषेक किया गया। यहां पर हसदेव को लाल चुनरी समर्पित की गई। काफी देर तक लोगों ने भक्ति संगीत और आतिशबाजी का आनंद लिया। हसदेव नदी की अद्भुत छटा देखकर लोग भावविभोर हो गए। श्रद्धालुओं ने हसदेव घाट पर दीप प्रज्वलित किए और फिर महाआरती में हिस्सा लिया।
हसदेव माता के आसपास जलाए गए दीपक।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाआरती की गई। 21 लीटर दूध से रूद्राभिषेक भी किया गया। वहीं बैंड-बाजे की धुन पर मां हसदेव नदी का 51 मीटर लंबी चुनरी से श्रृंगार भी किया गया। नदी के इस घाट से उस घाट तक दोनों तरफ श्रद्धालु उमड़े रहे और इस भव्य नजारे को अपने मोबाइल में कैद करते रहे। इस दौरान विशेष आकर्षण का केंद्र साउंड एंड लाइट शो का भी लोगों ने लुत्फ उठाया।
आयोजन में कोरबा और आसपास के जिले के भी लोग हुए शामिल।
वैदिक मंत्रोच्चार, श्री गंगा और महादेव की आरती, दिव्य शंखनाद के बीच हसदेव नदी की महाआरती 9 पंडितों ने धूप-दीप से कराई। इसके बाद शांति पाठ भी किया गया। आयोजन में हिन्दू क्रांति सेना के पदाधिकारियों, सदस्यों सहित हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने सहभागिता दी। इस आयोजन की शहरवासियों ने खूब सराहना की है। महाआरती में कोरबा के अलावा आसपास के जिलों से भी लोग शामिल हुए।
हसदेव नदी की आरती के दौरान ली गई तस्वीरें
ड्रोन से ली गई शानदार तस्वीर।
हाथ जोड़कर मां को नमन करते हुए पुजारी।
महाआरती में उमड़ी भारी भीड़।
वाराणसी की गंगा आरती की तर्ज पर की गई हसदेव नदी की आरती।
ड्रोन से खींची गई तस्वीरें।