छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम दादरकला के जंगल में शुक्रवार को नरकंकाल का अवशेष मिला है। मौके पर मिले कपड़ों के आधार पर उसकी पहचान गिरधारी लाल यादव के रूप में हुई है। 1 सितंबर को गिरधारी लाल लकड़ी काटने के लिए जंगल में गया था, लेकिन उसके बाद से वो घर वापस नहीं लौटा। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
उरगा थाने में पदस्थ ASI बलीराम निराला ने बताया कि ग्राम दादरकला में झाड़ियों के बीच नरकंकाल मिलने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर नरकंकाल के पास मिले चप्पल, गमछे और कपड़ों के आधार पर मृतक की शिनाख्त की गई है। हड्डियों और वहां से मिले सभी सामानों को जब्त कर उसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
नरकंकाकल के अवशेषों के पास मिले सामान से गिरधारी लाल की पहचान।
पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में किसी जंगली जानवर के हमले में मौत होना लग रहा है। पुलिस ने ये भी अंदेशा जताया कि या तो सांप या किसी जहरीले जीव के काटने से गिरधारी लाल की मौत हुई होगी और बाद में जानवरों ने शव को अपना भोजन बना लिया होगा। उन्होंने ये भी आशंका जताई है कि किसी जंगली जानवर ने जिंदा ही उसका शिकार कर लिया हो, ये भी हो सकता है।
जंगल से इंसान की हड्डियां बरामद।
ASI बलीराम ने कहा कि परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरधारी लाल अक्सर जंगल में लकड़ी काटने के लिए जाता था। 1 सितंबर को भी वो घने जंगल में गया था। जब वो काफी देर तक वापस नहीं लौटा, तो परिजनों ने पहले सभी रिश्तेदारों के यहां पता किया। जब वो कहीं नहीं मिला, तो फिर उरगा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
नरकंकाल के अवशेषों के पास से मिला गमछा और कपड़े।
ASI बलीराम ने बताया कि जैसे ही हमें नरकंकाल और उसके पास कपड़े, चप्पल जैसी चीजें मिलीं, हमने तुरंत गिरधारी लाल के परिजनों से इसकी शिनाख्त करवाई। फिलहाल मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है। घटना की हर एंगल से जांच की जा रही है।