वॉशिंगटन: अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई और उस पर आपत्तिजनक नारे लिखे गए। ये घटना चिनो हिल्स इलाके में हुई। इसकी जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गई हैं, उनमें ‘मोदी-हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ जैसे स्लोगन और पीएम मोदी के लिए अभद्र भाषा लिखी दिखाई दे रही है।
मंदिर बनवाने वाली संस्था BAPS अमेरिका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घटना की जानकारी शेयर की। सात महीने पहले सितंबर में भी कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में श्री स्वामीनारायण मंदिर में इस तरह की घटना हुई थी।

BAPS अमेरिका ने ये तस्वीर पोस्ट करके बताया कि मंदिर के बोर्ड पर मोदी-हिंदुस्तान मुर्दाबाद लिखा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा की
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि हम स्थानीय लॉ अथॉरिटीज से अपील करते हैं कि वे आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे। साथ ही पूजा की जगहों पर पर्याप्त सुरक्षा का इंतजाम करेंगे।
हिंदू संगठन बोला- खालिस्तान जनमत संग्रह से पहले हुई घटना
अमेरिकी हिंदू संगठन CoHNA ने भी इस घटना की निंदा की है। संस्था ने कहा कि एक बार फिर हिंदू मंदिर को तोड़ा गया। यह बस एक आम दिन है, जब मीडिया और अकादमिक जगत यह मानने से इनकार करेगा कि हिंदू विरोधी नफरत मौजूद है और #Hinduphobia को सिर्फ हमारी कल्पना बताया जाएगा। इसमें भी कोई हैरानी नहीं है कि ऐसा तब हो रहा है, जब लॉस एंजिलिस में “खालिस्तान जनमत संग्रह” का दिन नजदीक आ रहा है।
CoHNA ने ये भी बताया कि 2022 से अब तक अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में कम से कम 10 मंदिरों में हिंदुओं के लिए अभद्र भाषा लिखी गई।
कैलिफोर्निया में होने वाला खालिस्तानी जनमत संग्रह क्या है
कैलिफोर्निया में खालिस्तान आंदोलन के समर्थक “खालिस्तानी रेफरेंडम” यानी जनमत संग्रह का आयोजन करा रहे हैं। यह आंदोलन भारत के पंजाब राज्य से अलग एक स्वतंत्र सिख राज्य की मांग करता है। इस रेफरेंडम का मकसद ग्लोबल स्तर पर खालिस्तान के समर्थन को बढ़ावा देना है।
बीते कुछ वर्षों में खालिस्तान समर्थकों ने कई देशों में ऐसे जनमत संग्रह आयोजित किए हैं, जिनमें ब्रिटेन, कनाडा, और अमेरिका शामिल हैं। ये आयोजन अक्सर विवादास्पद होते हैं और भारत सरकार इनकी निंदा करती है, क्योंकि वे भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देते हैं।
(Bureau Chief, Korba)